Advertisment

जापान : दो जुड़ी हुई बुलेट ट्रेन के अलग होने का मामला, जांच शुरू

जापान : दो जुड़ी हुई बुलेट ट्रेन के अलग होने का मामला, जांच शुरू

author-image
IANS
New Update

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

Advertisment

टोक्यो, 20 सितंबर (आईएएनएस)। एक जापानी बुलेट ट्रेन ऑपरेटर इस बात की जांच कर रहा है कि हाई स्पीड पर चलने के दौरान दो जुड़ी हुई शिंकानसेन ट्रेनें (बुलेट ट्रेनें) किस वजह से अलग हो गईं। यह जानकारी सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने शुक्रवार को दी।

रेलवे ऑपरेटर ईस्ट जापान रेलवे के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुवार की सुबह तोहोकू शिंकानसेन लाइन पर टोक्यो जाने वाली दो ट्रेनों का एक कपलर टूट गया।

यह तब हुआ जब ट्रेनें पूर्वोत्तर मियागी प्रांत में फुरुकावा और सेंडाई स्टेशनों के बीच चल रही थी। इसके कारण ट्रेन को आपातकालीन स्थिति में रोकना पड़ा और इस लाइन पर सेवाएं घंटों तक बाधित रहीं।

जेआर ईस्ट के नाम से मशहूर कंपनी ने कहा कि यह पहली बार है, जब उसकी दो शिंकानसेन ट्रेनें चलते समय अलग हो गईं। हालांकि, इनमें सवार 320 लोगों में से किसी के घायल होने की खबर नहीं है और डिब्बे पटरी से नहीं उतरे हैं। यह जानकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एनएचके के हवाले से दी।

जेआर ईस्ट ने कहा कि जांच से पता चला है कि जब यह दुर्घटना हुई तब ट्रेनें लगभग 315 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही थीं।

जेआर ईस्ट ने बताया कि कपलर को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह तभी अलग हो जब रेलगाड़ी की स्पीड 5 किमी प्रति घंटा या उससे कम हो जाए।

कंपनी ने कहा कि घटना के कारण की जांच की जा रही है, लेकिन कपलर पर कोई बाहरी प्रभाव नहीं पाया गया है।

कंपनी ने ड्राइवर के हवाले से बताया कि इमरजेंसी ब्रेक अचानक लगाया गया और कपलर के खुलने से पहले कोई असामान्य आवाज या कंपन महसूस नहीं हुआ।

जेआर ईस्ट के अनुसार, इस घटना के बाद तोहोकू, यामागाटा और अकिता शिंकानसेन लाइनों पर 72 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 35 विलंबित हो गईं, जिससे लगभग 45,000 यात्री प्रभावित हुए।

शिंकानसेन जिसे आम तौर पर अंग्रेजी में बुलेट ट्रेन के रूप में जाना जाता है, जापान में हाई-स्पीड रेलवे लाइनों का एक नेटवर्क है। शुरुआत में, इसे आर्थिक विकास में मदद के लिए राजधानी टोक्यो को अन्य जापानी क्षेत्रों से जोड़ने के लिए बनाया गया था।

1964 में टोकाइडो शिंकानसेन (515.4 किमी; 320.3 मील) से शुरू होकर नेटवर्क का विस्तार वर्तमान में 2,951.3 किमी (1,833.9 मील) लाइनों तक हो गया है।

--आईएएनएस

एमके/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment
Advertisment