पुतिन के भारत दौरे से रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे, परमाणु सहयोग में बढ़ोतरी होगी: क्रेमलिन

पुतिन के भारत दौरे से रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे, परमाणु सहयोग में बढ़ोतरी होगी: क्रेमलिन

पुतिन के भारत दौरे से रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे, परमाणु सहयोग में बढ़ोतरी होगी: क्रेमलिन

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IANS
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Putin’s India visit to deepen strategic ties, boost trade and nuclear cooperation: Kremlin

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के आगामी भारत दौरे से दोनों देशों के बीच रणनीतिक, रक्षा, ऊर्जा और व्यापार क्षेत्रों में बड़े परिणाम सामने आने की उम्मीद है। यह बात मंगलवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कही।

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इंडिया हैबिटेट सेंटर में स्पुतनिक न्यूज द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में पेस्कोव ने कहा कि यह दौरा भारत और रूस के संबंधों को और मजबूत करेगा, जिनकी नींव “आपसी समझ, साझेदारी और नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था की साझा दृष्टि” पर टिकी है।

उन्होंने कहा कि भारत के विकास के अहम चरणों में रूस हमेशा “कंधे से कंधा मिलाकर” खड़ा रहा है।

पेस्कोव के अनुसार रणनीतिक और रक्षा सहयोग “संवेदनशील क्षेत्रों” में आता है, लेकिन रूस नई और उभरती प्रौद्योगिकियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपना अनुभव भारत के साथ साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

ऊर्जा सेक्टर पर उन्होंने कहा कि रूस प्रतिस्पर्धी कीमतों पर भारत को ऊर्जा आपूर्ति जारी रखेगा, जो “दोनों देशों के लिए लाभदायक” है।

परमाणु ऊर्जा के मोर्चे पर भी उन्होंने मौजूदा सहयोग और भविष्य की परियोजनाओं की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि रूसी सहयोग की बदौलत भारत के परमाणु उद्योग में “एक अलग सेक्टोरल इकोसिस्टम” तैयार हुआ है।

भारत-रूसी द्विपक्षीय व्यापार फिलहाल 63 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है और दोनों देशों ने वर्ष 2030 से पहले 100 अरब डॉलर के लक्ष्य को पार करने का संकल्प लिया है।

उन्होंने स्वीकार किया कि “कुछ शक्तियां” इस व्यापारिक संबंध को बाधित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन रूस इन चुनौतियों के बावजूद संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। व्यापार संतुलन सुधारने के लिए रूस भारत से आयात बढ़ाने की दिशा में सक्रिय है।

पेस्कोव ने बताया कि पुतिन के आगमन से एक दिन पहले दोनों देशों के उद्योगपतियों की एक बिजनेस मीटिंग आयोजित होगी, जिसमें भारतीय निर्यात बढ़ाने के अवसर तलाशे जाएंगे।

यूक्रेन संघर्ष पर पेस्कोव ने भारत की संतुलित कूटनीति की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के बयान “यह युद्ध का युग नहीं है” का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि रूस भारत के रुख को महत्व देता है और संवाद के लिए खुला है, जबकि यूरोप से बातचीत का माहौल नहीं बन रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ कुछ बातचीत जारी है और रूस शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों के लिए तैयार है। चीन से बढ़ते रिश्तों पर उन्होंने स्पष्ट किया, “रूस भारत की अनुमति की सीमा तक ही हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहता है।”

उन्होंने रक्षा मामलों को भी संभावित चर्चा का विषय बताया। वर्तमान में भारत के रक्षा आयातों में 36 प्रतिशत हिस्सा रूस का है। दिल्ली में हालिया धमाके की निंदा करते हुए पेस्कोव ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ रूस की “लंबे समय से चली आ रही एकजुटता” दोहराई।

बातचीत में चेन्नई–व्लादिवोस्तोक समुद्री कॉरिडोर, चाबहार पोर्ट सहयोग और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बढ़ते राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग (डि-डॉलराइजेशन) पर भी चर्चा होगी। पेस्कोव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की “अनिश्चितता” के बीच कई देश राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।

--आईएएनएस

डीएससी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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