सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025 में 1.06 लाख करोड़ रुपए का प्रीमियम किया इकट्ठा

सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025 में 1.06 लाख करोड़ रुपए का प्रीमियम किया इकट्ठा

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IANS
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Public sector general insurance firms collect Rs 1.06 lakh crore premium in FY25

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों (पीएसजीआईसी) का एकत्र किया कुल प्रीमियम वित्त वर्ष 2019 में लगभग 80,000 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में लगभग 1.06 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

समग्र सामान्य बीमा उद्योग ने भी वृद्धि दर्ज की, जिसमें कुल प्रीमियम संग्रह वित्त वर्ष 2024-25 में 3.07 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

पीएसजीआईसी के साथ एक बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रीमियम संग्रह, बीमा पेनेट्रेशन और डेनसिटी, दावों के अनुपात सहित प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों की समीक्षा की।

इस बैठक में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू और पीएसजीआईसी- न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पुनर्बीमा), एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशकों के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

भारत में सामान्य बीमा की पहुंच जीडीपी के 1 प्रतिशत पर अपेक्षा से कम बनी हुई है। 2023 में वैश्विक औसत 4.2 प्रतिशत की तुलना में बीमा घनत्व में लगातार सुधार हुआ है, जो 2019 में 9 डॉलर था तो 2023 में बढ़कर 25 डॉलर पहुंच गया।

वित्त मंत्री ने व्यापक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीएसजीआईसी द्वारा पहुंच और घनत्व दोनों में सुधार करने की दिशा में काम करने पर जोर दिया।

अधिकारियों ने हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट का पांच साल का विश्लेषण भी पेश किया, जिसमें निजी बीमाकर्ताओं, स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं (एसएएचआई) और पीएसजीआईसी में लगातार प्रीमियम वृद्धि दिखाई गई।

कोरोना महामारी के दौरान वित्त वर्ष 2021 में किए गए दावों के अनुपात पीएसजीआईसी के लिए 126 प्रतिशत और निजी बीमाकर्ताओं के लिए 105 प्रतिशत पर था। वित्त वर्ष 2024 तक, ये अनुपात पीएसजीआईसी के लिए 103 प्रतिशत, निजी बीमाकर्ताओं के लिए 89 प्रतिशत और एसएएचआई के लिए 65 प्रतिशत तक कम हो गए थे।

पीएसजीआईसी में बड़ा बदलाव देखने को मिला है और ये सभी फिर से मुनाफे में आ गई हैं।

ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल) और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईसीएल) ने क्रमशः वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही से तिमाही मुनाफा दर्ज करना शुरू कर दिया, जबकि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल) ने 7 साल के अंतराल के बाद वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में मुनाफा दर्ज किया। वहीं, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईएसीएल) ने लगातार बाजार में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है और नियमित रूप से मुनाफा कमा रही है।

समीक्षा के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री ने सेवा वितरण और दक्षता में सुधार के लिए सभी पीएसजीआईसी में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की जरूरत पर जोर दिया। इसमें विशेष रूप से मोटर ओन डैमेज और स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के लिए एआई-ड्रिवन क्लेम सेटलमेंट सिस्टम को अपनाना शामिल है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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