New Update
/filters:format(webp)/newsnation/media/media_files/DiFF14psR0M6sfxNdS1p.png)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
हैदराबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)। हेल्थ एक्सपर्ट ने प्रोस्टेट कैंसर को लेकर चिंता जाहिर की है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं है बल्कि इसका एक आदमी के स्वास्थ्य, उनके परिवार और पूरे समाज पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
दरअसल, प्रोस्टेट कैंसर अधिकतर पुरुषों में पाया जाता है, यह न केवल पुरुषों के स्वास्थ्य को खराब करता है बल्कि उनकी मर्दानगी को भी प्रभावित करता है। कई पुरुष अपनी ताकतवर छवि को बनाए रखना चाहते हैं, मगर इस मुद्दे को लेकर खुले तौर पर चर्चा करना या स्वास्थ्य मुद्दों के लिए मदद लेना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है, जिन्हें कमजोरी का संकेत माना जाता है।
प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो प्रभावित लोगों पर सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभाव डाल सकती है। इसलिए इसे मान्यता देते हुए सितंबर को प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के रूप में नामित किया गया है, जिसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।
डॉक्टरों का कहना है कि जागरूकता को बढ़ावा देने और पुरुषों को नियमित जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करने से बीमारी का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे होने वाले नकारात्मक सामाजिक प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा।
हेल्थ एक्सपर्ट ने आईएएनएस से बात करते हुए इस मुद्दे पर लोगों को शिक्षित करने के महत्व पर जोर दिया। कामिनेनी अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार तथा हेमेटो ऑन्कोलॉजिस्ट पी. वेंकटसिम्हा ने कहा, प्रोस्टेट कैंसर को अक्सर एक खामोश हत्यारा माना जाता है क्योंकि इसके लक्षण सालों तक छिपे रह सकते हैं। यही वजह है कि समय रहते इसका पता लगाना महत्वपूर्ण है। प्रोस्टेट कैंसर को एक कलंक के तौर पर देखा जाता है। कई पुरुष गलती से मूत्र संबंधी समस्याओं या यौन रोग जैसी समस्याओं को मर्दानगी के नुकसान से जोड़ देते हैं, जो उन्हें चिकित्सा सहायता लेने से रोकता है।
उन्होंने आगे कहा, हमें पुरुषों को 50 वर्ष की आयु के बाद या यदि उनके परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास रहा है तो इसके मद्देनजर नियमित जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि इस कलंक को खत्म किया जा सके।
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी के कंसल्टेंट यूरो-ऑन्कोलॉजिस्ट राजेश कुमार रेड्डी ने कहा, प्रोस्टेट कैंसर का समय पर पता लग जाने के लिए इसके बारे में जागरूकता पैदा करना आवश्यक है। रोबोटिक सर्जरी और अन्य चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रोग्रेस ने प्रोस्टेट कैंसर रोगियों के जीवन में काफी सुधार किया है। हालांकि, डायग्नोसिस किए जाने का डर और पुरुषों पर चुप रहने का सामाजिक दबाव उन्हें समय पर चिकित्सा सलाह लेने से रोकता है। इस प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के दौरान हमारा टारगेट इन मिथकों को दूर करना और इलाज के विकल्पों के बारे में सही जानकारी प्रदान करना है।
--आईएएनएस
एफएम/जीकेटी
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.