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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को अंगोला और बोत्सवाना की छह दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए रवाना हो चुकी हैं। अंगोला और बोत्सवाना में पहली बाहर किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष का दौरा हो रहा है। इस वजह से इसे बेहद खास माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति मुर्मू के रवाना होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर लिखा, अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अंगोला और बोत्सवाना की दो देशों की राजकीय यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह यात्रा हमारे राष्ट्रपति की इन देशों की पहली राजकीय यात्रा होगी।
भारत और अंगोला के बीच द्विपक्षीय व्यापार में बढ़त हो रही है और विदेश मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2023-2024 के दौरान यह 4.192 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। भारत अंगोला का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अंगोला के कुल निर्यात में भारत की भागीदारी 10 फीसदी है, जिसमें कच्चे तेल का व्यापार अहम है।
इसके अलावा दोनों देश खेती, मेडिकल सर्विस, फार्मास्यूटिकल्स (जेनेरिक दवाएं), हीरे के व्यापार, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग भी शामिल है।
दूसरी ओर भारत और बोत्सवाना के बीच भी गहरे संबंध हैं। भारत बोत्सवाना के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है। भारत बोत्सवाना को मेडिसिन, वाहन, मशीनरी, कपड़े और तकनीकी उपकरण निर्यात करता है। वहीं बोत्सवाना भारत को हीरे, तांबा और अन्य खनिज निर्यात करता है। दोनों देशों के बीच लगभग 600–700 मिलियन डॉलर का व्यापार होता है।
राष्ट्रपति मुर्मू की इस यात्रा की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव सुधाकर दलेला ने कहा था, राष्ट्रपति 8 से 13 नवंबर तक अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की अंगोला और बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा होगी। अफ्रीका के साथ भारत का जुड़ाव बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक और विकास साझेदारी समेत सभी प्रमुख क्षेत्रों में संबंध गहरे हो रहे हैं।
सचिव दलेला ने कहा कि भारत की अफ्रीका नीति 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 10 सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है। भारत-अफ्रीका फोरम समिट सहयोग के लिए एक व्यापक रूपरेखा के रूप में कार्य करता है। हाल के वर्षों में अफ्रीका में 17 नए मिशनों के खुलने के साथ भारत की राजनयिक उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
--आईएएनएस
केके/वीसी
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