पीएम मोदी की चीन यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के लिए बेहद अहम: चीनी राजदूत

पीएम मोदी की चीन यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के लिए बेहद अहम: चीनी राजदूत

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IANS
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PM Modi's visit to China 'very important' for SCO and bilateral ties: Chinese Ambassador

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस महीने के अंत में तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन दौरा न केवल एससीओ बल्कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण होगा।

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राजधानी में चिंतन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में चीनी राजदूत ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा हमारे दोनों देशों के संबंधों में सुधार और विकास को नई गति देगी। भारत और चीन की ओर से एक कार्यदल इस यात्रा को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। हम इस दौरे को अत्यंत महत्व देते हैं और विश्वास है कि यह बेहद सफल होगा।”

भारत दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर राष्ट्रपति शी जिनपिंग का संदेश और आमंत्रण सौंपा था। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सीमा मुद्दे का समाधान निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य होना चाहिए।

उसी दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और वांग यी के बीच सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की 24वीं वार्ता हुई। एनएसए डोभाल ने इस दौरान कहा कि पिछले वर्ष कज़ान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में सकारात्मक रुझान देखा गया है और सीमाएं शांतिपूर्ण रही हैं।

चीनी राजदूत ने बताया कि इस बार भारत दौरे के दौरान विदेश मंत्री वांग यी और एनएसए डोभाल के बीच सीमा प्रश्न पर “बहुत महत्वपूर्ण 10 सूत्री सहमति” बनी है। इसके तहत दो कार्यदल बनाए जाएंगे, एक विशेषज्ञ समूह जो सीमा निर्धारण से जुड़े क्षेत्रों पर शुरुआती प्रगति तलाशेगा और दूसरा समूह सीमा प्रबंधन को और बेहतर बनाने पर काम करेगा।

‘एससीओ शिखर सम्मेलन 2025 भारत-चीन संबंधों को नई दिशा’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि भारत और चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझेदार हैं और मतभेदों का समाधान संवाद से किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “आज दुनिया अशांति और परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सबसे गहरे बदलाव हो रहे हैं। इस दौर में भारत-चीन संबंधों का महत्व और बढ़ गया है। हमारा सहयोग दोनों देशों के लिए लाभकारी है। हम पड़ोसी हैं, प्रमुख विकासशील राष्ट्र हैं और राष्ट्रीय पुनरुत्थान के महत्वपूर्ण चरण में हैं।”

कैलाश मानसरोवर यात्रा की पुनर्बहाली का उल्लेख करते हुए राजदूत ने कहा कि चीन भारत के साथ सभी क्षेत्रों में मित्रतापूर्ण आदान-प्रदान जारी रखना चाहता है ताकि दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के यहां “अपने परिजनों की तरह” आ-जा सकें।

--आईएएनएस

डीएससी/

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