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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
अदीस अबाबा, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इथोपिया यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत हुई है और कई क्षेत्रों जैसे कृषि, फूलों की खेती, चमड़ा, क्लाइमेट एक्शन और टेक्नोलॉजी में नए अवसर खुले हैं। यह बयान भारतीय समुदाय की ओर से गुरुवार को दिया गया।
भारतीय समुदाय ने आगे कहा कि इथोपिया की निर्यात केंद्रित इंडस्ट्री को विकसित करने की सफलता और भारत का बढ़ता हुआ बाजार और टेक्नोलॉजी में दक्षता दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग की संभावना को बल देती है और इससे दोनों देशों को फायदा होगा।
हॉर्टी कंसल्ट पीएलसी के जनरल मैनेजर सेंथिल कुमारन थंगावेलु ने कहा कि इथियोपिया ने लगभग 20 साल पहले फूलों की खेती शुरू की थी और इथियोपियन एयरलाइंस के जरिए मजबूत ग्लोबल कनेक्टिविटी की मदद से इसे तेजी से बढ़ाया।
उन्होंने कहा, आज इथियोपिया और केन्या में उगाए गए फूल यूरोप, जापान, कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को एक्सपोर्ट किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत, गुलाब को छोड़कर, यूरोप से फूल और सजावटी पौधे अधिक आयात कर रहा है, जिससे विदेशी मुद्रा का नुकसान होता है।
थंगावेलु के अनुसार, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में कई तरह के फूल और सजावटी गमले वाले पौधे उगाने के लिए आदर्श मौसम है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत गुलाब के उत्पादन में काफी हद तक आत्मनिर्भर है, फिर भी वह दूसरे फूलों और सजावटी पौधों के लिए महंगे इंपोर्ट पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, अगर भारत इथियोपिया में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी अपनाता है और यूरोपीय एक्सपर्ट्स की मदद लेता है, खासकर नॉर्थ-ईस्ट में छोटे लेवल पर, तो देश इस सफलता को दोहरा सकता है।
फूलों की खेती के अलावा, भारत और इथियोपिया के बीच दूसरे सेक्टरों में भी सहयोग बढ़ रहा है।
यूएनआईडीओ एलआईएसईसी प्रोजेक्ट के नेशनल प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर वोंडू लेगेसे ने कहा कि इथियोपिया ने भारत के सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट और दिल्ली में फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के साथ मजबूत सहयोग बनाया है।
उन्होंने बताया, यह पार्टनरशिप टेनरी और जूते की फैक्ट्रियों के लिए क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जिससे लेदर सेक्टर में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं।
इस इंडस्ट्री में तीन दशकों से ज्यादा समय तक काम करने वाले लेगेसे ने कहा कि वह यूएनआईडीओ कंसल्टेंट के तौर पर इस सेक्टर को सपोर्ट करते रहेंगे।
दोनों देशों के बीच क्लाइमेट एक्शन साझेदारी का एक और बढ़ता हुआ क्षेत्र है। साउथसाउथनॉर्थ के डायरेक्टर रोबी रेड्डा ने कहा कि उनका संगठन इथियोपियाई सरकार को क्लाइमेट फाइनेंस पाने, नीतियां बनाने और क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने में मदद करता है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कई राष्ट्रीय जलवायु रणनीतियों में योगदान दिया है और वह इथियोपिया को 32वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी32) की तैयारियों में मदद कर रहे हैं, जो 2027 में अदीस अबाबा में होने वाला है।
--आईएएनएस
एबीएस/
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