पीएम मोदी ने गुवाहाटी टर्मिनल का उद्घाटन किया, पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी में अदाणी ग्रुप ने स्थापित किया नया बेंचमार्क

पीएम मोदी ने गुवाहाटी टर्मिनल का उद्घाटन किया, पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी में अदाणी ग्रुप ने स्थापित किया नया बेंचमार्क

पीएम मोदी ने गुवाहाटी टर्मिनल का उद्घाटन किया, पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी में अदाणी ग्रुप ने स्थापित किया नया बेंचमार्क

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IANS
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PM Modi inaugurates Guwahati terminal, setting Adani benchmark in Northeast connectivity

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

गुवाहाटी, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुवाहाटी के लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (एलजीबीआईए) पर नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। यह एक साल से भी कम समय में कॉन्सेप्ट से लेकर चालू होने तक का एक दुर्लभ और तेज सफर को दिखाता है, जिसे अदाणी ग्रुप ने पूरा किया है।

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इस प्रोजेक्ट को गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने विकसित किया है, जिसका संचालन अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) कर रही है।

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि गुवाहाटी टर्मिनल दिखाता है कि कैसे स्थानीय पहचान से गहराई से जुड़े रहते हुए भी विश्व स्तरीय हवाई अड्डे का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से तैयार किया जा सकता है।

अरबपति उद्योगपति ने कहा, यह कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, पूरे पूर्वोत्तर के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, और यात्रियों को एक सहज, आधुनिक यात्रा का अनुभव देगा।

पूरे हवाई अड्डे के विकास में 5,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जिसमें रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपए शामिल हैं।

नियोजित एकीकृत घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में व्यापार, लॉजिस्टिक्स और रोजगार सृजन को और मजबूत करेगा।

इसका उद्घाटन यह बताता है कि भारत का विमानन इंफ्रास्ट्रक्चर अब कितनी तेजी से तैयार और बनाया जा रहा है, परीक्षण किया जा रहा है और लाइव संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है।

इस टर्मिलन का संचालन फरवरी के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।

एक व्यापक ऑपरेशनल रेडीनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ओआरएटी) कार्यक्रम - जर्मनी के म्यूनिख से एक विशेषज्ञ टीम द्वारा समर्थित - ने यह सुनिश्चित किया है कि सिस्टम, प्रक्रियाएं, कर्मचारी और यात्रियों का प्रवाह पहले दिन से ही सुरक्षित और सहज संचालन के लिए तैयार हों।

क्षेत्रीय पहचान से जुड़े एक आधुनिक प्रवेश द्वार के रूप में परिकल्पित, इस टर्मिनल में असम के प्रतिष्ठित कोपू फूल (फॉक्सटेल ऑर्किड) और भोलुका बांस और अरुणाचल प्रदेश के अपातानी बांस जैसी स्वदेशी बांस की किस्मों का इस्तेमाल किया गया है।

टर्मिनल में क्षेत्र से स्थानीय रूप से प्राप्त लगभग 140 मीट्रिक टन बांस का उपयोग किया गया है, जिससे यह भारत के प्रकृति-प्रेरित हवाई अड्डे की वास्तुकला के सबसे प्रमुख उदाहरणों में से एक बन गया है, जहां पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक इंजीनियरिंग के माध्यम से नया रूप दिया गया है। डिजीयात्रा-इनेबल्ड प्रोसेसिंग, स्मार्ट चेक-इन सिस्टम और बड़े पैसेंजर एरिया से लैस, यह टर्मिनल 2032 तक सालाना 13.1 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है।

वित्त वर्ष 2024-25 में, गुवाहाटी एयरपोर्ट ने 6.50 मिलियन यात्रियों को संभाला, जो इस क्षेत्र में बढ़ती एविएशन डिमांड को दिखाता है।

टर्मिनल का डिजाइन फरवरी में एडवांटेज असम 2.0 इवेंट में प्रधानमंत्री द्वारा पेश किया गया था।

--आईएएनएस

एबीएस/

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