प्रधानमंत्री मोदी में वैश्विक शांति दूत बनने के सभी गुण मौजूद : नॉर्वे के पूर्व मंत्री

प्रधानमंत्री मोदी में वैश्विक शांति दूत बनने के सभी गुण मौजूद : नॉर्वे के पूर्व मंत्री

प्रधानमंत्री मोदी में वैश्विक शांति दूत बनने के सभी गुण मौजूद : नॉर्वे के पूर्व मंत्री

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। नॉर्वे के पूर्व जलवायु एवं पर्यावरण मंत्री एरिक सोलहेम ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में वैश्विक शांति दूत बनने के सभी गुण मौजूद हैं।

सोलहेम ने आईएएनएस से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति मुख्य रूप से भारतीय हितों की रक्षा करने पर केंद्रित है।

उन्होंने ने कहा, भारत किसी भी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका के मामले में। भारत केवल अपने हितों का ख्याल रख रहा है, जो कि पीएम मोदी 3.0 शासन के तहत एकदम सही दृष्टिकोण है। यह नजरिया एक बहुत अधिक शांतिपूर्ण और स्थिर दुनिया प्रदान करता है।

नॉर्वे के पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि आज दुनिया को वैश्विक शांतिदूतों की जरूरत है, खासकर रूस-यूक्रेन और मध्य-पूर्व तनाव के संबंध में चल रही भू-राजनीतिक स्थितियों के कारण।

सोलहेम ने देकर कहा, प्रधानमंत्री मोदी उन राजनेताओं में से एक हैं जो तटस्थ हैं और शांति सुनिश्चित कर सकते हैं। हम 2025 में रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत देख सकते हैं, और प्रधानमंत्री मोदी निश्चित रूप से इसे प्राप्त करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलापन पर, नॉर्वे के पूर्व मंत्री ने कहा कि 2050 तक घरेलू विकास अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बराबर होगा। उन्होंने कहा, इस समय भारत में हर क्षेत्र में बहुत बड़ा सकारात्मक विकास हो रहा है। अगर भारत हर साल आर्थिक विकास को 7 प्रतिशत के आसपास बनाए रख सकता है, तो वह संभवतः 2050 तक उस लक्ष्य तक पहुंच जाएगा।

नवंबर में, प्रमुख वैश्विक निवेशक मार्क मोबियस ने आईएएनएस से कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक मंच पर राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी पक्षों के साथ बातचीत करने में सक्षम हैं और अपने प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं।

88 वर्षीय मोबियस ने कहा कि पीएम मोदी एक बहुत ही महत्वपूर्ण शांतिदूत बन सकते हैं, क्योंकि दुनिया उथल-पुथल से गुजर रही है, खासकर मौजूदा पश्चिम एशिया संघर्ष और चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से।

--आईएएनएस

एमके/

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