पीएम मोदी ने जीएसटी 2.0 के रूप में आम नागरिकों को दिया एक बड़ा तोहफा : अश्विनी वैष्णव

पीएम मोदी ने जीएसटी 2.0 के रूप में आम नागरिकों को दिया एक बड़ा तोहफा : अश्विनी वैष्णव

पीएम मोदी ने जीएसटी 2.0 के रूप में आम नागरिकों को दिया एक बड़ा तोहफा : अश्विनी वैष्णव

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IANS
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PM Modi gives big gift to common citizens in form of GST2.0: Ashwini Vaishnaw

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के रूप में आम नागरिकों को एक बहुत बड़ा उपहार दिया है।

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मध्यम और निम्न वर्ग के परिवारों को लाभ पहुंचाने की प्रधानमंत्री मोदी की मंशा की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले 12 लाख रुपए तक की आय पर आयकर से छूट दी गई थी और अब जीएसटी को रेशनलाइज बनाने से मध्यम और निम्न आय वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी सुधार से देश की आर्थिक उन्नति में भी एक बहुत बड़ा लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, हमारे देश का सकल घरेलू उत्पाद 330 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें उपभोग का योगदान लगभग 202 लाख करोड़ रुपए है। जीएसटी सुधारों के बाद, अगर इसमें 10 प्रतिशत की भी वृद्धि होती है, तो उपभोग में लगभग 20 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि होगी, यानी देश में 20 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त सकल घरेलू उत्पाद आएगा, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।

उन्होंने आगे कहा कि उपभोग बढ़ने से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और एक के बाद एक कई आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी। इससे एक वर्चुइस साइकल क्रिएट होगी। इनकम टैक्स की छूट और जीएसटी का बड़ा फैसला दोनों मिलाकर हमारे मध्यम वर्ग के परिवारों के हाथ में अधिक पैसा बचाने में मददगार होंगे।

इससे पहले, 56वीं जीएसटी परिषद ने नए दौर के जीएसटी सुधारों को मंजूरी दी थी, जिसके तहत टैक्स स्ट्रक्चर को बहु-स्लैब प्रणाली से सरल बनाकर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की प्राथमिक दो-स्लैब प्रणाली में बदल दिया गया था, जो 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होगी। इसके अलावा, सिन गुड्स के लिए 40 प्रतिशत की दर तय की गई है।

जीएसटी 2.0 सुधारों का उद्देश्य आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को अधिक किफायती बनाना, व्यवसायों पर अनुपालन का बोझ कम करना और उपभोग-आधारित आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। पहले के जीएसटी स्ट्रक्चर में 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के चार स्लैब थे।

--आईएएनएस

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