नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। एक शोध में यह बात सामने आई है कि सभी पौधों में आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जो इस बात को गलत साबित करते हैं कि पौधों की तुलना में पशु-आधारित प्रोटीन अधिक स्वास्थ्य लाभ देते हैं।
वाशिंगटन डीसी में जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. नील बर्नार्ड का कहना है कि पशु प्रोटीन की तुलना में पौधे आधारित प्रोटीन का इस्तेमाल करने से मृत्यु दर कम रहती है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रमुख अध्ययन से पता चला है कि जहां तक आंकड़ों का सवाल है, जब गोमांस, मुर्गी, मछली, डेयरी उत्पादों या अंडों से प्राप्त प्रोटीन के बजाय पौधों पर आधारित प्रोटीन का सेवन किया जाता है, तो मृत्यु दर कम हो जाती है।
लम्बे समय तक उच्च प्रोटीन-उच्च मांस आहार के कारण हड्डियों और कैल्शियम संतुलन संबंधी समस्याएं, कैंसर का खतरा, लिवर संबंधी समस्याएं और कोरोनरी धमनी रोग की स्थिति बिगड़ सकती है, जो आगे चलकर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
पौधे आधारित आहार से पोषण प्राप्त करने वाले लोगों को मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर का जोखिम कम होता है। हालांकि, किसी भी आहार पर लोगों को विटामिन बी12 और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता के बारे में सावधान रहना चाहिए क्योंकि विटामिन बी12 की कमी हड्डियों, बालों, त्वचा, नाखूनों आदि को प्रभावित करती हैं।
डॉ. बर्नार्ड ने कहा, यह पत्र न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के एक लेख के जवाब में प्रकाशित किया गया था, जिसमें पोषण पर एक नई श्रृंखला शुरू की गई थी। बहुत से लोग अब पौधे-आधारित आहार अपना रहे हैं और इस प्रक्रिया में उनका पोषण बेहतर हो रहा है।
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