फिलीपींस ने दक्षिणी मनीला में आए भूकंप की तीव्रता 6.2 से घटाकर 6 की

फिलीपींस ने दक्षिणी मनीला में आए भूकंप की तीव्रता 6.2 से घटाकर 6 की

फिलीपींस ने दक्षिणी मनीला में आए भूकंप की तीव्रता 6.2 से घटाकर 6 की

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IANS
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Philippines downgrades magnitude 6.2 earthquake that strikes southern Manila to 6

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मनीला, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। फिलीपींस के दक्षिणी हिस्से में आए भूकंप की तीव्रता को घटा दिया गया है। फिलीपींस इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्कानोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी ने बताया कि 13 अक्टूबर को सुरिगाओ डेल नॉर्टे प्रांत में आए ऑफशोर भूकंप की तीव्रता अब 6.2 से घटाकर 6.0 कर दी गई है।

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रिपोर्ट में संस्थान ने कहा कि यह झटका सुबह 7:03 बजे (स्थानीय समय) पर 28 किलोमीटर की गहराई में आया, जिसका केंद्र मिंडानाओ क्षेत्र के जनरल लूना नगरपालिका से लगभग 13 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था। संस्थान ने कहा कि यह टेक्टोनिक भूकंप बाद में कई झटके पैदा कर सकता है और इससे महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।

यह भूकंप मिंडानाओ क्षेत्र और मध्य फिलीपींस के पड़ोसी प्रांतों में भी महसूस किया गया। अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है। फिलीपींस में आया यह भूकंप हाल के दिनों में आए शक्तिशाली भूकंपों में से एक है।

इससे पहले, 10 अक्टूबर को दक्षिणी फिलीपींस के दावाओ ओरिएंटल प्रांत में 7.4 और 6.8 तीव्रता के दो समुद्री भूकंपों ने आठ लोगों की जान ले ली। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, 13 अक्टूबर को मध्य फिलीपींस के सेबू के बोगो के पास 6.0 तीव्रता का एक और भूकंप आया। इन घटनाओं के बाद से पूरे द्वीपीय देश में 4 से 5 तीव्रता के कई झटके महसूस किए जा रहे हैं।

राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद ने बताया कि 30 सितंबर को मध्य फिलीपींस के सेबू प्रांत के बोगो शहर और आसपास के इलाकों में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 76 लोग मारे गए थे।

प्रशांत रिंग ऑफ फायर पर स्थित होने के कारण फिलीपींस में लगातार भूकंपीय गतिविधियां होती रहती हैं। यह देश टाइफून बेल्ट और प्रशांत रिंग ऑफ फायर पर होने के कारण दुनिया के सबसे अधिक संवेदनशील देशों में से एक है, जहां ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप और टाइफून जैसी कई विनाशकारी घटनाएं आम हैं।

टेक्टोनिक प्लेटें लगातार धीमी गति से खिसकती रहती हैं, लेकिन घर्षण के कारण उनके किनारे फंस जाते हैं। जब किनारे पर तनाव घर्षण से अधिक हो जाता है, तो भूकंप आता है, जो पृथ्वी की सतह के माध्यम से ऊर्जा तरंगों के रूप में निकलता है और झटके महसूस होते हैं।

--आईएएनएस

डीसीएच/एएस

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