जन योजना अभियान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की एक परिवर्तनकारी पहल

जन योजना अभियान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की एक परिवर्तनकारी पहल

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IANS
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Gram Sabha meeting of  Kunariya village panchayat

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। पंचायती राज मंत्रालय ने 2 अक्टूबर 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जन योजना अभियान (पीपीसी) 2025-26- सबकी योजना, सबका विकास अभियान शुरू किया, जिससे वित्त वर्ष 2026-27 के लिए पंचायत विकास योजना (पीडीपी) तैयार करने की राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया शुरू हुई।

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जन योजना अभियान (पीपीसी) जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने, समावेशी विकास सुनिश्चित करने की ओर से एक महत्पूर्ण पहल के रूप में उभरा है।

केंद्र के अनुसार, जन योजना अभियान को 2018 में शुरू किया गया, जिसके बाद से ही यह अभियान पंचायतों को साक्ष्य-आधारित और समावेशी विकास योजनाएं तैयार करने में मदद करता रहा है।

ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर मौजूद डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2025-26 में 29 जुलाई 2025 तक 18.13 लाख से अधिक पंचायत विकास योजनाएं अपलोड की गई हैं। इनमें 17.73 लाख से अधिक ग्राम पंचायत विकास योजनाएं (जीपीडीपी), 35,755 ब्लॉक पंचायत विकास योजनाएं (बीपीडीपी) और 3,469 जिला पंचायत विकास योजनाएं (डीपीडीपी) शामिल हैं।

सबकी योजना सबका विकास थीम के तहत जन योजना अभियान (पीपीसी) को 2 अक्टूबर 2018 को शुरू किया गया। इस अभियान को पंचायत विकास योजनाओं को तैयार करने में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए लाया गया।

जन योजना अभियान का उद्देश्य लोगों की भागीदारी वाली, समग्र और समन्वित विकास योजनाएं ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी), ब्लॉक पंचायत विकास योजना (बीपीडीपी) और जिला पंचायत विकास योजना (डीपीडीपी), देश भर में ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती (ब्लॉक) पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर समयबद्ध तरीके से तैयार करना है।

पंचायती राज संस्थाएं (पीआरआई) ग्राम स्तर पर जल आपूर्ति, स्वच्छता, रोड, जल निकासी, स्ट्रीट लाइटिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसी सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं।

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के एजेंडे को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए, पंचायती राज मंत्रालय ने एक विषयगत दृष्टिकोण अपनाया है, जो 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को नौ व्यापक विषयों में समूहित करता है।

यह दृष्टिकोण पंचायतों को संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज के फ्रेमवर्क के अंतर्गत डेवलपमेंट प्लान तैयार करने में मदद करता है।

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) भी वीपीआरपी तैयार करने में लगे हुए हैं, जो ग्राम स्तर पर समग्र विकास और मजबूती को और बढ़ावा देते हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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