प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल लेने से बच्चे के ऑटिस्टिक होने के ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं: विशेषज्ञ

प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल लेने से बच्चे के ऑटिस्टिक होने के ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं: विशेषज्ञ

प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल लेने से बच्चे के ऑटिस्टिक होने के ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं: विशेषज्ञ

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IANS
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Paracetamol’s link to autism not supported by strong scientific evidence: Experts

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि गर्भावस्था के दौरान ली गई दर्दनिवारक गोली पैरासिटामोल ऑटिस्टिक बच्चों के पैदा होने की आशंका बढ़ाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मंगलवार को कहा कि इस बात का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि पैरासिटामोल का ऑटिज्म से कोई संबंध है।

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ऑटिज्म, जिसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें सोशल कम्युनिकेशन और संवाद स्थापित करने में कठिनाई होती है।

सोमवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम में ट्रंप ने गर्भवती महिलाओं से एसिटामिनोफेन (जिसे पैरासिटामोल भी कहा जाता है) - जो टाइलेनॉल का मुख्य घटक है - लेने के बजाय इस स्थिति को सहन करने का आह्वान किया।

दिल्ली स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज और गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के बाल रोग विभाग के निदेशक-प्रोफेसर डॉ. मनीष नारंग ने आईएएनएस को बताया, राष्ट्रपति ट्रंप का यह सुझाव कि गर्भावस्था के दौरान एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) के सेवन से ऑटिज्म हो सकता है, का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, मौजूदा अध्ययन सीमित और असंगत हैं ; प्रमुख चिकित्सा और अनुसंधान संगठन चेतावनी देते हैं कि ऐसे दावे माता-पिता को अनावश्यक रूप से चिंतित कर सकते हैं, जबकि क्लिनिकली दर्द-प्रबंधन विकल्पों पर चिकित्सक से चर्चा करने की सलाह दी जाती है।

एसिटामिनोफेन गर्भावस्था के दौरान ली जाने वाली सबसे आम ओवर-द-काउंटर दवा है, और दुनिया भर में 50 प्रतिशत से ज्यादा गर्भवती महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं। गर्भवती महिलाएं सिरदर्द, दर्द या बुखार के लिए इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल करती हैं।

नियामक और नैदानिक ​​एजेंसियों ने गर्भावस्था में इसके इस्तेमाल को सुरक्षित बताया है।

लेकिन ट्रंप ने कहा कि टाइलेनॉल लेना ठीक नहीं है, साथ ही उन्होंने गर्भवती महिलाओं से इसे न लेने के लिए जी-जान से कोशिश करने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि केवल काफी तेज बुखार में ही इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

ट्रंप के इस बयान ने गर्भवती महिलाओं की फिक्र बढ़ा दी है, लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पैरासिटामोल एक सिद्ध सुरक्षित दवा है और इसके इस्तेमाल को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने पैरासिटामोल के ऑटिज्म से संबंध पर सिद्ध वैज्ञानिक प्रमाण के अभाव का भी हवाला दिया।

अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स ने लंबे समय से एसिटामिनोफेन को गर्भावस्था के दौरान सबसे सुरक्षित दर्द निवारक दवाओं में से एक बताया है।

डॉ. स्टीवन फ्लेशमैन ने मीडिया से यह भी साझा किया कि अक्सर गर्भावस्था के दौरान बुखार का इलाज करने से अधिक प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं।

शहर के एक अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. आभा मजूमदार ने कहा कि लोगों को डर के कारण इलाज बंद नहीं करना चाहिए, लेकिन हमें संभावित नुकसान और जोखिम को सीमित करने के बारे में भी सचेत रहना होगा।

मजूमदार ने कहा, गर्भावस्था के दौरान क्रोसिन का बहुत बार और लंबे समय तक इस्तेमाल संभावित जोखिम बढ़ा सकता है, लेकिन बिना इलाज के मां का बुखार या दर्द गर्भावस्था और बच्चे के विकास के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। इसलिए, बुखार या दर्द पैदा करने वाली स्थितियों का इलाज करना जरूरी है क्योंकि ये बच्चे के लिए भी खतरा पैदा कर सकती हैं।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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