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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
इस्लामाबाद, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान का लाहौर शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। स्विस एयर क्वालिटी मॉनिटर आईक्यूएयर के अनुसार, लाहौर का एक्यूआई 300 से ज्यादा है। इसके साथ ही यह वैश्विक प्रदूषण चार्ट में टॉप पर है। स्थानीय मीडिया ने बुधवार को बताया कि पाकिस्तान के कई शहरों में बहुत ज्यादा गंदगी और हवा बहुत ज्यादा प्रदूषित है।
353 एक्यूआई के साथ लाहौर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले नंबर पर है। क्वेटा सुबह पाकिस्तान का सबसे प्रदूषित शहर रहा। क्वेटा का एक्यूआई 517 है। पाकिस्तान की एआरवाई न्यूज के अनुसार, रहीम यार खान, गुजरांवाला और फैसलाबाद में भी हवा की गुणवत्ता खराब मापी गई। इसके अलावा, खैबर पख्तूनख्वा और दक्षिणी पंजाब के मैदानी इलाकों में बहुत ज्यादा कोहरा छाया रहा, जिससे हाईवे पर विजिबिलिटी कम हो गई।
खराब विजिबिलिटी के कारण मोटरवे के कई हिस्से बंद कर दिए गए। 2024 में कुछ दिनों के लिए, लाहौर कोहरे से ढका रहा। असल में यह कोहरे और प्रदूषण का मिश्रण था, जो घटिया क्वालिटी के डीजल के धुएं और मौसमी खेती से निकलने वाले धुएं की वजह से होता है।
लाहौर में हवा के प्रदूषण का स्तर एक बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मंजूर नॉर्मल साफ-सफाई वाले स्तर से 80 गुना ज्यादा हो गया था। नवंबर की शुरुआत में, एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान दुनिया भर में 168वीं रैंकिंग पर है और क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2026 में 15वीं रैंकिंग पर है। पाकिस्तान का ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स (एचडीआई) 0.544 कम है।
बढ़ते तापमान से गर्मी और पानी की कमी होती है, खासकर सूखे और कम सूखे इलाकों में, जिससे खेती की पैदावार पर असर पड़ता है। इसके साथ ही, परिवहन, उद्योग और खेती से होने वाले वायु प्रदूषण से कोहरा होता है जो एविएशन पर असर डालता है। इसकी वजह से विजिबिलिटी कम हो जाती है और यह सांस की बीमारियों का कारण बनता है।
अब्दुल वहीद भुट्टो का नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन शमन और सतत संसाधन प्रबंधन पर पब्लिकेशन का बड़ा रिकॉर्ड है। उन्होंने द डिप्लोमैट में लिखा, कई नेशनल और इंटरनेशनल एडवाइजरी और समीक्षा समितियों में काम किया है।
द डिप्लोमैट की एक रिपोर्ट में, अब्दुल वहीद भुट्टो ने लिखा, देश का सीमित जंगल का इलाका लगातार कम हो रहा है, जबकि सिंधु डेल्टा में खारे पानी के घुसने से तटीय इकोसिस्टम को नुकसान हो रहा है। इससे मैंग्रोव, मछली पालन और खेती को नुकसान हो रहा है। समुद्र का बढ़ता स्तर और तूफान की गतिविधि तटीय आबादी को और खतरे में डाल रही हैं, जबकि पानी के बंटवारे को लेकर बढ़ते तनाव, जन स्वास्थ्य संकट और जलवायु की वजह से होने वाले प्रवासन पाकिस्तान विफलता को दिखाते हैं।
—आईएएनएस
केके/एएस
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