पाकिस्तान सरकार के खिलाफ ईसाई समुदाय का प्रदर्शन, दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उठाई आवाज

पाकिस्तान सरकार के खिलाफ ईसाई समुदाय का प्रदर्शन, दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उठाई आवाज

पाकिस्तान सरकार के खिलाफ ईसाई समुदाय का प्रदर्शन, दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उठाई आवाज

author-image
IANS
New Update
Pakistan's Christian community protests delayed justice for 2023 Jaranwala riot victims

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 19 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में कई ईसाई नेताओं ने दंगा पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिलने के कारण सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने यह प्रदर्शन 16 अगस्त 2023 को जारनवाला शहर में हुए दंगों को लेकर किया। ये दंगे ईशनिंदा के आरोपों के चलते भड़के थे।

Advertisment

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए माइनॉरिटी राइट्स मूवमेंट के प्रमुख लाला रॉबिन डैनियल, शकील भट्टी, इबरार यूनिस साहूत्रा, पादरी फराज सिद्दीक, सैमसन सलामत, शफीक गोशी, यासु भट्टी और अन्य ने कहा कि दंगों के दो साल बाद भी फैसलाबाद की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने किसी भी आरोपी को सजा नहीं सुनाई है।

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि दंगों के दौरान 27 चर्च और 23 घरों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था, लेकिन पुलिस जांच में सभी नामजद आरोपियों को निर्दोष पाया गया।

पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, नेताओं ने ईसाई समुदाय और दुनिया भर के नागरिक समाज के लोगों से पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन करने का आह्वान किया।

इस महीने की शुरुआत में ब्रुसेल्स स्थित यूरोपियन कंजर्वेटिव की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि पाकिस्तान अपनी विवादास्पद ईशनिंदा कानूनों के माध्यम से अल्पसंख्यकों (विशेष रूप से ईसाई समुदाय) पर अत्याचार जारी रखे हुए है।

रिपोर्ट में कहा गया कि धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का पैटर्न 1973 में इस्लामी संविधान को अपनाने और सिविल कोड में शरिया कानून के प्रावधानों से उत्पन्न हुआ है, क्योंकि पाकिस्तानी संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार इस्लाम की महिमा को बनाए रखने तक सीमित है।

जारनवाला में ईसाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को उजागर करते हुए यूरोपियन कंजर्वेटिव की रिपोर्ट में बताया गया कि परवेज मसीह पर ईशनिंदा सामग्री लिखने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद अगस्त 2023 में क्षेत्र में हिंसक दंगे भड़क उठे।

इसके बाद, इस साल 18 अप्रैल को उन्हें मृत्युदंड के साथ-साथ अन्य गंभीर सजाओं की सजा सुनाई गई।

रिपोर्ट में नोट किया गया, अगस्त 2023 में जारनवाला में कम से कम 20 चर्चों को नष्ट करने और सैकड़ों ईसाइयों को जबरन विस्थापित करने वाली घटना ईशनिंदा कानूनों के परिणामस्वरूप होने वाली हिंसा का एक उदाहरण मात्र है।

पाकिस्तान के कई मानवाधिकार संगठनों ने भी देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की लहर के बीच गंभीर चिंता जताई है।

--आईएएनएस

एफएम/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment