बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का दमन जारी, तीन बलूच नागरिक लापता

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का दमन जारी, तीन बलूच नागरिक लापता

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का दमन जारी, तीन बलूच नागरिक लापता

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IANS
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Quetta: Militant attack in Quetta, the provincial capital of Pakistan's southwest Balochistan province

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

क्वेटा, 21 नवंबर (आईएएनएस)। बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने की बढ़ती घटनाओं के बीच कम से कम तीन बलूच नागरिकों को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कथित रूप से अगवा कर लिया है। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

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बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के मानवाधिकार विभाग पांक ने बताया कि गुरुवार को केच जिले के निवासी सना उल्लाह को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने प्रांत के तुरबत क्षेत्र में तलार चेकपोस्ट से जबरन उठा लिया।

मानवाधिकार संगठन के अनुसार, 16 नवंबर को दो अन्य नागरिक मुलमा और अबिद बलूच, दोनों केच जिले के निवासी को कराची के मरिपुर क्षेत्र से जबरन गायब कर दिया गया।

इस दौरान, बलूचिस्तान में एक और कथित फर्जी मुठभेड़ की घटना सामने आई। संगठन के मुताबिक, 17 नवंबर को ज़रीफ़ बलूच का गोलियों से छलनी शव केच जिले के बनोक-ए-चाडी क्षेत्र में मिला।

रिपोर्ट में कहा गया कि 31 मार्च 2025 को ज़रीफ़ बलूच और उनके रिश्तेदार रहम दिल को ओरमारा से जबरन उठाया गया था। रहम दिल को एक दिन बाद रिहा कर दिया गया था। दोनों मजदूरी करते थे।

पांक ने कहा कि ये घटनाएं बलूचिस्तान में बढ़ते उत्पीड़न, न्यायेतर हत्याओं, जबरन गायब करने और हिरासत में यातना के बढ़ते चक्र का हिस्सा हैं।

इसी सप्ताह द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया कि कई इलाकों में कर्फ्यू, सड़क बंदी और बार-बार इंटरनेट शटडाउन के कारण सामान्य जीवन ठप हो गया है। दर्जनों जिलों में लोग विस्थापित हो रहे हैं और दैनिक सेवाएं बाधित हो गई हैं।

ज़हरी क्षेत्र के निवासियों ने बताया कि सख्त कर्फ्यू के चलते सड़कों पर सन्नाटा है और सैकड़ों परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि शाम 5 बजे के बाद कोई भी घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं करता क्योंकि सुरक्षा बल किसी भी संदिग्ध को गोली मारते हैं।

निवासियों ने बताया कि करीब 500 परिवार हाल के दिनों में अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं और पीछे अपनी संपत्ति, पशुधन और फसलें छोड़ गए हैं। कई लोगों ने आरोप लगाया कि उनके घरों से बर्तन, कंबल तक उठा लिए गए और पशुधन को मार दिया गया।

स्थानीय लोगों ने कहा कि जो भी कर्फ्यू, स्कूलों और अस्पतालों की बंदी के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, उसे “एक गोली में चुप करा देने” की धमकी दी जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया कि शिक्षा, रोज़गार और स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो चुकी हैं और लोग सामान्य जीवन से वंचित हैं।

इधर, क्वेटा में भी सुरक्षा उपाय कड़े कर दिए गए हैं और कई प्रमुख मार्ग बिना पूर्व सूचना के बंद कर दिए गए हैं, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है। लोगों ने इसे मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताया और न्यायपालिका से हस्तक्षेप की मांग की।

--आईएएनएस

डीएससी

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