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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
क्वेटा, 24 नवंबर (आईएएनएस)। बलूचों के साथ ज्यादती का सिलसिला पाकिस्तान में खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एक मानवाधिकार संगठन ने सोमवार को दावा किया कि ये समस्या लगातार गंभीर रूप लेती जा रही है। हाल ही में बलूचिस्तान के 15 नागरिकों को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने जबरन हिरासत में लिया।
मानवाधिकार संगठन बलूच वॉयस फॉर जस्टिस (बीवीजे) ने बताया कि डेरा बुग्ती में 21 नवंबर को पाकिस्तान फ्रंटियर कॉर्प्स और काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) के लोग कई घरों में दनदनाते हुए घुसे और 15 से ज्यादा नागरिकों को अपनी कस्टडी में लिया।
हिरासत में लिए गए लोगों में से नौ की पहचान कसैर, जेहा खान, बुगती खान, शबीर, मंगल, हसन, रशीद, नोरोज और इस्लाम के रूप में हुई है।
बीवीजे ने कहा, ये रेड गैरकानूनी है। एक बार फिर साबित हुआ है कि कैसे बिना पूर्व सूचना के लोगों को हिरासत में रखा जा रहा है। परिजनों पर दबाव डालकर, उन्हें खौफजदा करके और बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के लोगों को कस्टडी में लिया जा रहा है। ये मानवाधिकार मानकों के तहत गंभीर चिंता पैदा करता है, जो आम लोगों को मनमानी गिरफ्तारी से बचाते हैं।
संगठन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार, ईयू, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच और अन्य वैश्विक पर्यवेक्षकों से अपील की कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतंत्र जांच कराई जाए और हिरासत में रखे गए निर्दोष नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित कराएं।
बीवीजे ने बताया कि बलूचिस्तान में पाक सेना ने दो नागरिकों को जबरन गायब कराया।
बताया कि बलूच बिलाल वाहिद को पंजगुर जिले के चिटखान से 20 नवंबर को पाकिस्तानी सुरक्षा बल जबरन उठा कर ले गए। परिजनों ने बताया कि वाहिद का राजनीति से कोई संबंध नहीं था और वो रोज कमाई करके अपने परिवार का खर्चा चलाता था।
संगठन के मुताबिक घर के युवा कमाऊ शख्स को जबरन उठा कर ले जाने का तरीका काफी प्रचलन में आ चुका है। इससे पूरे इलाके के लोग और परिजनों में खौफ घर कर जाता है। परिवार बिना आय और बिना किसी जवाब के खाली हाथ रह जाता है।
इसके अलावा, 18 नवंबर को, पाकिस्तान के डेथ स्क्वॉड से जुड़े हथियारबंद लोगों ने केच जिले के मलिक आबाद इलाके से दुर जान को अगवा किया था।
गवाहों का हवाला देते हुए, मानवाधिकार संस्था ने कहा कि जान को दिनदहाड़े एक दुकान के सामने से अगवा किया गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाके में बार-बार छापे डाले जा रहे हैं और इन्हें लेकर परिजनों को कोई पूर्व सूचना तक नहीं दी जा रही।
--आईएएनएस
केआर/
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