पाकिस्तान अब भी सैन्य समाज, जिसमें मजबूत इस्लामी प्रभाव : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पीएम

पाकिस्तान अब भी सैन्य समाज, जिसमें मजबूत इस्लामी प्रभाव : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पीएम

पाकिस्तान अब भी सैन्य समाज, जिसमें मजबूत इस्लामी प्रभाव : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पीएम

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IANS
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Pakistan at heart military society, India totally different: Former Australian PM Abbott jab at US-Pak growing ties

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान मूल रूप से एक सैन्य समाज है, जिसमें इस्लामवादी प्रवृत्ति मजबूत है, जबकि भारत पूरी तरह से अलग है।

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में भाग लेते हुए एबॉट ने आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा और याद दिलाया कि कैसे अल-कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में पाया गया था।

आतंकवाद पर पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के बारे में शीर्ष अमेरिकी जनरलों के बयानों के बारे में पूछे जाने पर एबॉट ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ इतना सहयोग किया कि उसने ओसामा बिन लादेन को लगभग एक दशक तक अपने यहां छिपने की जगह दी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कुछ अच्छे लोग हैं, जिनके साथ काम किया जा सकता है, लेकिन वहां की व्यवस्था सैन्य है और उसमें कट्टर इस्लामी प्रभाव है। दूसरी ओर, भारत पूरी तरह अलग है।

एबॉट ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ जहां संभव हो, काम करना चाहिए, लेकिन उसे यह समझना होगा कि उसके सच्चे दोस्त कौन हैं। उन्होंने बताया कि जब वे प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने सभी के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश की, लेकिन दोस्त वही हैं, जिनके साथ समान हित, मूल्य और इतिहास हो।

एबॉट ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका के मूल हित पाकिस्तान की तुलना में भारत के साथ मजबूत दोस्ती में निहित हैं। उन्होंने कहा कि भारत के मूल हित लोकतांत्रिक देशों के साथ मजबूत साझेदारी में हैं।

उन्होंने भारत को एक उभरती हुई लोकतांत्रिक महाशक्ति बताया और इस बात पर जोर दिया कि 21वीं सदी भारत की उतनी ही होगी जितनी चीन की। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री अगले 40-50 वर्षों में स्वतंत्र विश्व के नेता बन सकते हैं।

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन की नेतृत्व पार्टी तानाशाही है, व्यक्तिगत तानाशाही नहीं। प्रधानमंत्री के रूप में, मैं कहा करता था कि भारत एक लोकतांत्रिक महाशक्ति के रूप में उभरेगा। अब ऐसा हो गया है। भारत के प्रधानमंत्री अगले 40-50 वर्षों में एक स्वतंत्र विश्व के नेता बनने की संभावना रखते हैं।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के खिलाफ बढ़ते नस्लीय हमलों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यहां दो मुद्दे हैं। क्या ऑस्ट्रेलिया में आप्रवासन बहुत ज्यादा है? पूरे साल हमारे यहां रिकॉर्ड संख्या में आप्रवासन हुआ है। क्या आप्रवासन को कम करने की जरूरत है? दूसरा मुद्दा अपराध है। मेलबर्न में अपराध की समस्या है। कुछ गिरोह नियंत्रण से बाहर हैं। विक्टोरियन पुलिस इस पर काम कर रही है। अब समय आ गया है कि पुलिस एक बार फिर सड़कों पर नियंत्रण करे।

एबॉट ने कहा कि व्यापक विश्व के लिए इस संकटपूर्ण समय में यह महत्वपूर्ण है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत अपनी मित्रता को आगे बढ़ाएं, जो गहरी है और लगातार मजबूत होती जा रही है।

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने आईएएनएस से कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मुझे लगता है कि वह एक परिवर्तनकारी प्रधानमंत्री रहे हैं और वह एक विशाल ऐतिहासिक शख्सियत हैं।

--आईएएनएस

पीएसके/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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