/newsnation/media/media_files/thumbnails/c39763de7341eee6437331b85204023a-142949.jpg)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
इस्लामाबाद, 27 सितंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने 40 वर्षों से चल रहे अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद कर दिया है। स्थानीय मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पाकिस्तान सरकार की अफगान शरणार्थियों के खिलाफ कार्रवाई के बीच, खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में पांच शिविरों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, खैबर-पख्तूनख्वा में बंद किए जा रहे पांच शिविरों में हरिपुर जिले के तीन शिविर, चित्राल का एक शिविर और अपर दीर ​​का एक शिविर शामिल है। अधिकारियों के अनुसार, अकेले हरिपुर स्थित पनियन शिविर में 1,00,000 से ज्यादा शरणार्थी रह चुके थे।
सरकार ने बढ़ते अपराध और आतंकवाद का हवाला देते हुए अक्टूबर 2023 में बिना दस्तावेज वाले अफगान शरणार्थियों को वापस भेजना शुरू कर दिया था। इस हफ्ते की शुरुआत में, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दोहराया कि अफगान शरणार्थी बलूचिस्तान और केपी में आतंकवाद से जुड़े हैं।
इस महीने की शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, यूएनएचसीआर ने अफगानिस्तान में दोहरे संकट के उभरने की चेतावनी दी थी क्योंकि लाखों अफगानों को प्रतिकूल परिस्थितियों में पाकिस्तान से बाहर जाने के लिए मजबूर किया गया था। अफगानिस्तान वर्तमान में उन कई क्षेत्रों में विनाशकारी भूकंप से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है जहां से वापस लौटने वाले शरणार्थी आ रहे हैं।
यूएनएचसीआर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, इस साल की शुरुआत से अब तक लगभग 26 लाख अफगान पड़ोसी देशों से वापस आ चुके हैं - कई अपनी मर्जी से नहीं। वे गरीबी और सूखे से जूझ रहे देश में आ रहे हैं, जहां मानवीय जरूरतें पहले से ही बहुत ज्यादा हैं। कुछ ने दशकों से अफगानिस्तान में कदम नहीं रखा है; कुछ निर्वासन में पैदा हुए थे और पहली बार आ रहे हैं।
इसमें आगे कहा गया है, जैसे ही पाकिस्तान अपनी घुसपैठियों की स्वदेश वापसी योजना पर फिर से अमल शुरू कर रहा है, अप्रैल से अब तक 5,54,000 से ज्यादा अफगान वापस आ चुके हैं - जिनमें अगस्त में ही 1,43,000 लोग शामिल थे। हाल के हफ्तों में, यह गति और भी बढ़ गई है: अकेले सितंबर के पहले हफ्ते में, लगभग 1,00,000 लोग पाकिस्तान से वापस आ गए।
संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखने का आग्रह किया है।
अफगानिस्तान में यूएनएचसीआर के प्रतिनिधि अराफात जमाल ने 12 सितंबर को जिनेवा में एक प्रेस वार्ता में कहा, यूएनएचसीआर निरंतर सुरक्षा आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों की पहचान करने और अफगानों के लिए विनियमित प्रवासन मार्गों का विस्तार करने हेतु व्यावहारिक तंत्र विकसित करने में पाकिस्तान सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार है।
--आईएएनएस
केआर/
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.