पाकिस्तान : राजधानी इस्लामाबाद में कई प्रांतों से ज्यादा गैंगरेप के मामले दर्ज, आपराधिक आंकड़ों में उभरी खतरनाक तस्वीर

पाकिस्तान : राजधानी इस्लामाबाद में कई प्रांतों से ज्यादा गैंगरेप के मामले दर्ज, आपराधिक आंकड़ों में उभरी खतरनाक तस्वीर

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IANS
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Crime frenzy in Pakistan: 11,074 murders, 2,142 gang rapes reported in 2024 (File image)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान में पिछले वर्ष सामूहिक बलात्कार के 2,142, अपहरण के 34,688 और हत्या के 11,074 से अधिक मामले दर्ज किए गए। नवीनतम आधिकारिक अपराध सांख्यिकी रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई।

इन आंकड़ों में पंजाब अपराध से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत के तौर पर उभरा। यहां, हत्या, सामूहिक बलात्कार और अपहरण के सबसे अधिक मामले सामने आए।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि पिछले वर्ष देश की राजधानी इस्लामाबाद में सामूहिक बलात्कार के दर्ज मामले कई प्रांतों से ज्यादा रहे।

पाकिस्तान के न्यूज इंटरनेशनल मुताबिक 2024 में देश में सामूहिक बलात्कार के कुल 2142 मामलों में से पंजाब प्रांत में सबसे अधिक (2046) मामले दर्ज किए गए। यह संख्या खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान के संयुक्त आंकड़ों से भी अधिक है।

आंकड़ों के अनुसार, सिंध प्रांत में सामूहिक बलात्कार के 71 मामले दर्ज किए गए।

इस्लामाबाद में सामूहिक बलात्कार के कुल 22 मामले और व्यभिचार के 125 मामले सामने आए। जबकि बलूचिस्तान में गैंगरेप का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ, वहीं व्यभिचार के 43 मामले सामने आए। केपी में एक सामूहिक बलात्कार केस और व्यभिचार के 402 मामले दर्ज किए गए।

रिपोर्ट में कहा गया कि कुल मिलाकर, 2024 में पूरे पाकिस्तान में अपहरण के 34,688 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 28,702 मामले केवल पंजाब प्रांत में दर्ज किए गए।

सिंध प्रांत में 4,331 अपहरण की घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं केपी में 533, बलूचिस्तान से 406, इस्लामाबाद से 238 तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अपहरण के 370 मामले दर्ज किए गए।

अपराध रिपोर्ट पाकिस्तानी प्रांतों में मानवाधिकार स्थिति की गंभीर वास्तविकता को उजागर करती है।

पिछले साल पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार देश भर में ऐसे 4,533 मामले सामने आए थे।

हालांकि, पंजाब में इस्लामाबाद के बाद दंगों के सबसे कम मामले सामने आए। देश की राजधानी में पिछले वर्ष कोई दंगा नहीं हुआ।

पंजाब प्रांत में दंगों के दो मामले सामने आए, जबकि सिंध (3,472), केपी (12), बलूचिस्तान (292) और पीओके (557) में पिछले वर्ष दंगों के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई।

--आईएएनएस

एमके/

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