इस्लामाबाद, 23 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बच्चे के लकवाग्रस्त होने के बाद पोलियो वायरस का एक और मामला सामने आया है। इससे 2024 में देश में पोलियो वायरस से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 16 हो गई। एक अधिकारी ने शुक्रवार को मीडिया को यह जानकारी दी।
इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) में पोलियो उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के एक अधिकारी ने बताया कि प्रांत के हैदराबाद जिले की 29 महीने की एक बच्ची में जंगली पोलियो वायरस टाइप-1 (डब्ल्यूपीवी1) की पुष्टि हुई है।
अधिकारी के अनुसार, इस वर्ष अब तक पाकिस्तान में 62 जिलों में पोलियो वायरस के लक्षण पाए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 28 जिलों में ये लक्षण पाए गए थे।
एनआईएच अधिकारी ने कहा, यह हैदराबाद में पोलियो का पहला मामला है, सिंध में तीसरा और इस वर्ष पाकिस्तान में 16वां मामला है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में 12 मामले, सिंध में तीन और पूर्वी पंजाब प्रांत में एक मामला सामने आया है।
पोलियो उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री की फोकल पर्सन आयशा रजा फारूक ने कहा, ताजा मामला एक स्पष्ट संकेत है कि जब तक हम अपने देश से इस वायरस को खत्म नहीं कर देते, तब तक कहीं भी कोई भी बच्चा इसके प्रभाव से सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि चार महीनों से हैदराबाद के सीवेज नमूनों में डब्ल्यूपीवी1 की रिपोर्ट मिल रही है, इससे देश में पोलियो के फैलने का खतरा बना हुआ है।
उन्होंने कहा, हम वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आपातकालीन स्तर पर काम कर रहे हैं। देश में 9 सितंबर से बड़े पैमाने पर पोलियो टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
इस बीच, पोलियो उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र के समन्वयक मुहम्मद अनवर-उल-हक ने कहा कि वायरस की उत्पत्ति की पहचान करने और बच्चों के टीकाकरण के लिए गहन जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, पोलियो वायरस कराची और हैदराबाद के निकटवर्ती जिलों में कई महीनों से फैल रहा है। हम बच्चों की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 9 सितंबर से सभी प्रभावित जिलों में टीकाकरण अभियान शुरू करेंगे।
गौरतलब है कि विकसित देशों में पोलियो खत्म हो चुका है लेकिन भारत, नाइजीरिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में यह अभी भी बना हुआ है।
कई पाकिस्तानी, विशेष रूप से रूढ़िवादी व आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले, पोलियो टीकाकरण को एक पश्चिमी अभियान मानते हैं। इसका उद्देश्य देश की आबादी को स्टरलाइज करना है।
2012 में तालिबान ने कुछ आदिवासी जिलों में पोलियो के खिलाफ टीकाकरण पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।
इस साल टीकाकरण अभियान में सुरक्षा ड्यूटी के दौरान लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी मारे गए हैं।
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