इस्लामाबाद, 18 जुलाई (आईएएनएस)। मानसूनी सीजन में भारी बारिश और बाढ़ के चलते पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पिछले 24 घंटों में 63 लोगों की मौत हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने शुक्रवार को इसे सीजन का सबसे अधिक आपदा प्रभावित दिन बताया।
स्थिति को देखते हुए पंजाब में गुरुवार को आपात स्थिति घोषित कर दी गई, जबकि निचले इलाकों में बाढ़ के बाद सेना के जवान बचाव अभियान में शामिल हो गए, क्योंकि मूसलाधार मानसूनी बारिश ने प्रांत में व्यापक पैमाने पर तबाही मचाई है।
रावलपिंडी शहर में भी भारी बारिश के चलते बाढ़ के कारण दो लोगों की मौत हो गई। रावलपिंडी प्रशासन ने लोगों को घरों के अंदर ही रहने के लिए कहा है। सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी गई है। मौसम विभाग की ओर से शुक्रवार तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। अधिकारियों के अनुसार, पूरे जिले में बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।
वाटर एंड सैनिटेशन एजेंसी (डब्ल्यूएएसए) के अनुसार, रावलपिंडी में 250 मिमी से अधिक बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश वाले क्षेत्रों में चकलाला (239 मिमी), गवालमंडी (235 मिमी), न्यू कटारियन (220 मिमी), और पीर वड्डई (200 मिमी) शामिल हैं।
कई इलाकों में बाढ़ आ गई है, जिनमें पीर वडहाई, टेंच भाटा, आरिया मोहल्ला, धोक सैयदां, कुरैशीबाद, गर्जा रोड, धमियाल, चकरी, अदियाला रोड, नदीम कॉलोनी और जावेद कॉलोनी समेत कई इलाकों में बाढ़ के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इन इलाकों में घरों में पानी घुस गया, जिससे फर्नीचर, सामान और गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।
पाकिस्तान के एनडीएमए ने एक अलर्ट में कहा, संवेदनशील क्षेत्रों के निवासियों को आपातकालीन स्थिति के लिए तीन से पांच दिनों के लिए भोजन, पानी और आवश्यक दवाओं के साथ आपातकालीन किट तैयार रखनी चाहिए।
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एनडीएमए के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 26 जून से अब तक 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 70 बच्चे शामिल हैं और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पंजाब गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मौसम की मौजूदा स्थिति मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। नदियों, नहरों और जलाशयों में जलस्तर काफी ऊंचा है और इन क्षेत्रों में तैरने या नौका विहार करने से जानलेवा घटनाएं हो सकती हैं।
पंजाब प्रांत में बुधवार को बारिश से संबंधित घटनाओं में छत गिरने और बिजली का झटका लगने से 44 लोगों की मौत हो गई, जबकि बलूचिस्तान में भी इसी तरह की बारिश से उत्पन्न आपदाओं में 16 लोगों की मौत हो गई।
--आईएएनएस
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