पाकिस्तान आज भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह: विदेश मंत्रालय

पाकिस्तान आज भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह: विदेश मंत्रालय

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IANS
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Pakistan military, terror groups, and civilian agencies in direct nexus: Foreign Secretary to Parliamentary Panel

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को विदेश मामलों की संसद की स्थायी समिति के समक्ष पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता को लेकर गंभीर आरोप लगाए। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने समिति को बताया कि पहलगाम आतंकवादी हमले की योजना और संचालन सीमा पार से किया गया था और आतंकवादी सीधे पाकिस्तान में बैठे मास्टरमाइंड्स के संपर्क में थे।

विदेश सचिव ने जांच के ठोस तथ्यों के आधार पर बताया कि पाकिस्तान आज भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी खुलेआम पाकिस्तान की जमीन से काम कर रहे हैं और भारत के खिलाफ हिंसा को भड़का रहे हैं।

उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों, सैन्य खुफिया एजेंसियों और कुछ नागरिक प्रशासनिक संस्थानों के बीच एक स्पष्ट और संस्थागत गठजोड़ की बात कही।

सूत्रों ने मिस्री के हवाले से कहा, यह बातें केवल कहानियों पर आधारित नहीं हैं, बल्कि पक्के सबूतों से जुड़ी हुई हैं।

जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों में किसी भी अन्य देश की भूमिका को खारिज करते हुए उन्होंने भारत की संप्रभुता का भी कड़ा समर्थन किया।

सदस्यों के सवालों के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह पारंपरिक थी। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के किसी भी परमाणु ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और न ही पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु धमकी या संकेत दिया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए उस दावे को भी उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने खुद को भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का मध्यस्थ बताया था।

उन्होंने समिति को बताया, कोई भी विदेशी मध्यस्थता नहीं हुई थी। संघर्ष विराम एक द्विपक्षीय निर्णय था। ट्रंप सिर्फ सुर्खियों में आने के लिए बीच में कूद पड़े थे।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले बयान को लेकर उठे विवाद पर भी मिस्री ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि जयशंकर की टिप्पणी का गलत अर्थ निकाला गया। वह विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण की बात कर रहे थे, जिसमें भारत ने 6-7 मई को नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया था और उसके बाद पाकिस्तान को जानकारी दी गई थी।

समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत सभी सदस्यों ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार के खिलाफ हो रही ऑनलाइन ट्रोलिंग की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें भारत के शीर्ष राजनयिक के प्रति सर्वदलीय समर्थन दिखा।

--आईएएनएस

डीएससी/एकेजे

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