‘आतंकिस्तान’ है पाकिस्तान, विश्व स्तर पर करेंगे साबित : सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सदस्य

‘आतंकिस्तान’ है पाकिस्तान, विश्व स्तर पर करेंगे साबित : सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सदस्य

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IANS
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Pak is 'aatankistan', will prove it globally: All-party delegation member

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। जेडीयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में पहला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज जापान के लिए रवाना होगा। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक कूटनीतिक अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना है।

झा के नेतृत्व वाले इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद बृज लाल ने कहा, यह प्रतिनिधिमंडल बहुत प्रभाव डालेगा। पाकिस्तान पहले से ही आतंकवाद का गढ़ है और हम इसे साबित करेंगे। पिछले 35 वर्षों से पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित कर रहा है।

भाजपा सांसद हेमांग जोशी ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा, आज हमारा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल एकजुट टीम इंडिया के रूप में दुनिया के विभिन्न देशों में जा रहा है। हम भारत का पक्ष रखेंगे और पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को वैश्विक मंच पर उजागर करेंगे।

सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास ने मिशन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, हम अब जापान जा रहे हैं, इसके बाद दक्षिण कोरिया, फिर इंडोनेशिया और मलेशिया जाएंगे। यह एक जनसंपर्क कार्यक्रम है, जिसका मकसद भारत की चिंताओं को व्यक्त करना और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना है। हमें भरोसा है कि हम आतंकवाद पर देश के विचारों को प्रभावी ढंग से पेश कर पाएंगे।

इसके अलावा, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक और प्रतिनिधिमंडल यूएई, कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया का दौरा करेगा। साथ ही डीएमके सांसद कनिमोई के नेतृत्व में एक तीसरा समूह गुरुवार को रूस, स्लोवेनिया, ग्रीस, लातविया और स्पेन के लिए रवाना होगा।

ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों के समर्थन से काम कर रहे हैं और इन्हें पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता के ठोस सबूत पेश करने का जिम्मा सौंपा गया है। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसके बाद भारतीय बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और युद्धविराम की घोषणा की।

भारत सात प्रतिनिधिमंडलों को 25 देशों में भेज रहा है, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य भी शामिल हैं, ताकि आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए वैश्विक सहमति बनाई जा सके।

--आईएएनएस

एफएम/केआर

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