जोहो, एप्पल और एनवीडिया में काम करने वाले एक तिहाई से अधिक भारतीय कर्मचारी देश के टियर 3 कॉलेजों से हैं ग्रेजुएट : रिपोर्ट

जोहो, एप्पल और एनवीडिया में काम करने वाले एक तिहाई से अधिक भारतीय कर्मचारी देश के टियर 3 कॉलेजों से हैं ग्रेजुएट : रिपोर्ट

जोहो, एप्पल और एनवीडिया में काम करने वाले एक तिहाई से अधिक भारतीय कर्मचारी देश के टियर 3 कॉलेजों से हैं ग्रेजुएट : रिपोर्ट

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IANS
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Over one‑third of Indian employees in Zoho, Apple, NVIDIA from tier 3 colleges: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों जैसे जोहो, एप्पल और एनवीडिया में काम करने वाले एक तिहाई से अधिक भारतीय कर्मचारी देश के टियर 3 कॉलेजों से ग्रेजुएट हैं। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

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एक एनोनिमस सोशल मीडिया ऐप ब्लाइंड की 1,602 भारतीय पेशेवरों पर किए गए सर्वे पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्किल-बेस्ड हायरिंग की ओर बढ़ते बदलाव को दर्शाता है।

इस सर्वे में एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग के आधार पर कॉलेजों को टियर 1, टियर 2, टियर 3 और विदेशी संस्थानों में वर्गीकृत किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, पारंपरिक फाइनेंशियल फर्म अभी भी कॉलेज के नामों को महत्व देती हैं, जबकि प्रमुख तकनीकी कंपनियां स्किल को प्राथमिकता देती हैं। जोहो, एप्पल, एनवीडिया, एसएपी और पेपाल जैसी कंपनियों में काम करने वाले बहुत से रेस्पॉन्डेंट्स ने कहा कि उनके करियर पर कॉलेज के नाम से किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। सर्वे में शामिल कर्मचारियों में से औसतन 34 प्रतिशत टियर 3 से ग्रेजुएट थे।

गोल्डमैन सैक्स, वीजा, एटलसियन, ओरेकल और गूगल जैसी ट्रेडिशनल फाइनेंशियल और टेक फर्म कैंपस भर्ती पर निर्भर रहीं, जहां औसतन 18 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट्स टियर 3 ग्रेजुएट थे।

59 प्रतिशत टियर 3 एलुमनाई और 45 प्रतिशत विदेशी स्नातक अपनी कॉलेज की पढ़ाई को अपने रिज्यूमे पर केवल एक पंक्ति भर मानते थे, वहीं टियर 1 और टियर 2 के अधिकांश एलुमनाई ने अपने करियर के विकास का श्रेय कैंपस भर्ती को दिया।

टियर 3 के लगभग 15 प्रतिशत एलुमनाई ने कहा कि उनकी एजुकेशन का महत्वपूर्ण प्रभाव उनकी सैलरी को लेकर रहा, जबकि 74 प्रतिशत ने कहा कि यह केवल शुरुआती चरणों में ही मददगार रहा।

लगभग 53 प्रतिशत विदेशी स्नातकों ने बताया कि कॉलेज का उनकी कमाई पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

ब्लाइंड ने बताया कि सर्वे में शामिल 41 प्रतिशत पेशेवरों ने टियर 1 कॉलेजों जैसे आईआईटी, आईआईएससी, टॉप आईआईएम, बिट्स पिलानी आदि से ग्रेजुएशन किया है। वहीं 30 प्रतिशत पेशेवरों ने टियर 2 कॉलेजों से, 25 प्रतिशत ने टियर 3 और 4 प्रतिशत पेशेवरों ने विदेशी संस्थानों से ग्रेजुएशन की है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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