एक दशक में डीबीटी में 90 गुना से अधिक का उछाल, रियल टाइम पेमेंट में 'भारत' दुनिया में सबसे आगे : वित्त मंत्री

एक दशक में डीबीटी में 90 गुना से अधिक का उछाल, रियल टाइम पेमेंट में 'भारत' दुनिया में सबसे आगे : वित्त मंत्री

एक दशक में डीबीटी में 90 गुना से अधिक का उछाल, रियल टाइम पेमेंट में 'भारत' दुनिया में सबसे आगे : वित्त मंत्री

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IANS
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San Francisco: Finance Minister interacts with Indian diaspora

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत महज एक दशक में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) में 90 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि भारत रियल टाइम पेमेंट में दुनिया में सबसे आगे है, जहां 2024-25 में 260 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन किए गए।

वित्त मंत्री सीतारमण ने एक पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महज एक दशक में 2013-14 के 7,368 करोड़ रुपए से लेकर 2024-25 में 6.83 लाख करोड़ रुपए तक, डीबीटी हस्तांतरण में 90 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि हर रुपया हर नागरिक तक पहुंचा।

उन्होंने आगे कहा कि भारत रियल टाइम पेमेंट में दुनिया में सबसे आगे है। जहां, 2024-25 में 260 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन दर्ज किए गए और मात्रा के हिसाब से सालाना आधार पर लगभग 18,600 करोड़ लेनदेन किए गए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में भारत की तकनीकी यात्रा किसी क्रांति से कम नहीं रही।

उन्होंने जोर देकर कहा, भारत डिजिटल इनोवेशन, टेक आधारित शासन और ग्लोबल ट्रस्ट का हब बन गया है। मैन्युफैक्चरिंग से लेकर स्पेस टेक तक, डिजिटल पेमेंट से लेकर ग्रामीण कनेक्टिविटी तक, परिवर्तन स्पष्ट, प्रभावशाली और स्थायी है।

उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव केवल डिवाइस और प्लेटफॉर्म को लेकर नहीं है, यह निर्बाध शासन, नागरिक सशक्तीकरण और टेक-फर्स्ट विकसित भारत के निर्माण को लेकर भी है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव के अनुसार, भारत में 55.44 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 56 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। इसी के साथ इन खातों में जमा कुल राशि इस वर्ष 21 मई तक 2.5 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई है।

वित्त वर्ष 2024-25 में, डिजिटल पेमेंट में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और यह प्रतिदिन 60.81 करोड़ लेनदेन तक पहुंच गया, जिसमें यूपीआई का योगदान 83.73 प्रतिशत रहा।

उन्होंने आगे कहा कि यूपीआई का इस्तेमाल वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में सहायक रहा है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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