आईसीआरए ने इंडियन टेलीकॉम टावर इंडस्ट्री के आउटलुक को 'नेगेटिव' से 'स्टेबल' किया

आईसीआरए ने इंडियन टेलीकॉम टावर इंडस्ट्री के आउटलुक को 'नेगेटिव' से 'स्टेबल' किया

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IANS
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Global telecom equipment market grows 2% only in 1st half of 2023: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने सोमवार को ग्राहकों से अच्छी कलेक्शन और बकाया भुगतान की प्राप्ति को देखते हुए इंडियन टेलीकॉम टावर इंडस्ट्री के आउटलुक को रिवाइज कर नेगेटिव से स्टेबल कर दिया है।

इससे पहले इंडस्ट्री को कुछ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से भुगतान में देरी के कारण प्राप्तियों में वृद्धि के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।

हालांकि, टावर कंपनियों को लगातार समय पर भुगतान के कारण स्थिति में काफी सुधार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप प्राप्तियों की अवधि घटकर लगभग 45-60 दिन रह गई है, जो आईसीआरए के नेगेटिव आउटलुक सीमा 80 दिनों से कम है।

पिछले बकाया की वसूली के साथ टेलीकॉम टावर इंडस्ट्री की लिक्विडिटी प्रोफाइल बेहतर हुई है और बाहरी ऋण पर निर्भरता कम हुई है, जिससे उद्योग के रिटर्न मेट्रिक्स में सुधार होने की संभावना है।

आईसीआरए को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में टावर इंडस्ट्री 4-6 प्रतिशत की परिचालन आय वृद्धि दर्ज करेगी, जबकि परिचालन मार्जिन (एनर्जी रेवेन्यू के लिए एडजस्टिंग) लगभग 70-75 प्रतिशत रहेगा।

कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं में ढील के साथ-साथ इंडस्ट्री की कैश बैलेंस राशि पिछले 2,200-3,000 करोड़ रुपए के स्तर से बढ़कर लगभग 5,500-6,000 करोड़ रुपए हो जाने के साथ लिक्विडिटी स्थिति को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

आईसीआरए के कॉर्पोरेट रेटिंग के उपाध्यक्ष और सेक्टर हेड अंकित जैन ने कहा, कुछ प्रमुख टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर की क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार ने टावर कंपनियों के वर्किंग कैपिटल साइकल को आसान बना दिया है।

इसके अलावा, पिछले बकाया की बड़ी राशि का निपटान किया गया है।

इससे उद्योग के कैश फ्लो और लिक्विडिटी की स्थिति में सुधार हुआ है। आगे चलकर कलेक्शन समय पर रहने की उम्मीद है, जिससे इंडस्ट्री के डेट लेवल को 60 दिनों से नीचे रखने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में टेलीकॉम सर्विस विशेष रूप से डेटा की मांग में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है, इसे टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क विस्तार और अपग्रेडेशन के रूप में देखा जा रहा है।

--आईएएनएस

एसकेटी/एबीएस

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