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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का मुनाफा इस वित्त वर्ष में करीब 50 प्रतिशत बढ़कर 18-20 डॉलर प्रति बैरल होने की उम्मीद है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 12 डॉलर प्रति बैरल था। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि ऑपरेटिंग मुनाफे में बढ़त की वजह मजबूत मार्जिन,खुदरा ईंधनों की स्थिर कीमतें और कच्चे तेल की सकारात्मक गतिशीलता होना है।
पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर मार्केटिंग मार्जिन से मिलने वाली बढ़त से रिफाइनिंग मार्जिन में आई कमी की भरपाई होने की उम्मीद है। दुनिया के बड़े देशों द्वारा क्लीन एनर्जी की तरफ शिफ्ट होने के कारण जीवाश्म ईंधन की मांग में इजाफा हो रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया कि अच्छे नकदी प्रवाह से ओएमसी के पूंजीगत खर्च को सपोर्ट मिलता रहेगा और इससे क्रेडिट प्रोफाइल भी मजबूत रहेगी।
एनालिस्ट का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतें इस वित्त वर्ष में 65-67 डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद है। वहीं, ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 4-6 डॉलर प्रति बैरल रह सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने कहा, ईंधन की खुदरा कीमतें नहीं बदलने से मार्केटिंग मार्जिन बढ़कर 14 डॉलर प्रति बैरल (8 रुपए प्रति लीटर) हो जाएगा, जिससे कुल मार्जिन 50 प्रतिशत बढ़कर 18-20 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अच्छे मार्जिन के कारण इस वित्त वर्ष में नकद प्राप्ति 75,000 से लेकर 80,000 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 55,000 करोड़ रुपए पर थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि इससे ओएमसी के 90,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च के प्लान को मजबूती मिलेगी। इसमें से अधिकतर विस्तार ब्राउनफील्ड होगा। इस वित्त वर्ष ओएमसी का डेट-टू-ईबीआईटीडीए बढ़कर 2.2 गुना हो सकता है, जो कि पिछले वित्त वर्ष 3.6 गुना था।
--आईएएनएस
एबीएस/
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