नॉर्वे ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के रुख का किया समर्थन, पीएम मोदी की यात्रा का इंतजार

नॉर्वे ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के रुख का किया समर्थन, पीएम मोदी की यात्रा का इंतजार

author-image
IANS
New Update
Norway backs India's stand on Jammu & Kashmir, looks forward to PM Modi visit

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मोनाको, 8 जून (आईएएनएस)। नॉर्वे के अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री आस्मुंड ग्रोवर ऑक्रस्ट ने मोनाको में ऐतिहासिक जहाज स्टैट्सराड लेहमकुहल पर भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह के साथ बैठक में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना पर भारत के रुख का समर्थन किया।

डॉ. जितेन्द्र सिंह से ऑक्रस्ट ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नॉर्वे यात्रा का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।

आस्मुंड ग्रोवर ऑक्रस्ट ने कहा कि नॉर्वे में भारत के पक्ष में एक मजबूत जनभावना है, और कई नागरिक प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश का दौरा करते देखने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।

पीएम मोदी की नार्वे सहित तीन देशों की यात्रा मई में होनी थी, लेकिन सीमा पर बनी तनाव की स्थिति के बाद उसे रद्द कर दिया गया था।

वैश्विक मंचों पर भारत के निरंतर समर्थन के लिए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने ऑक्रस्ट का आभार जताया। इसे दोनों देशों के बीच एकजुटता और बढ़ते आपसी सम्मान के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

इससे पहले, मोनाको में क्वाई पोर्ट हरक्यूल पहुंचने पर डॉ. जितेंद्र सिंह का नॉर्वे के विदेश मंत्रालय के महासागर अनुभाग के निदेशक ट्रोंड गेब्रियलसन और वरिष्ठ सलाहकार इविंड एस. होमे ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

जैसे ही वह ऐतिहासिक अनुसंधान पोत स्टैट्सराड लेहमकुहल पर सवार हुए, उनका स्वागत ऑक्रस्ट और पोत के कप्तान ने किया, जिससे द्विपक्षीय वार्ता की सौहार्दपूर्ण शुरुआत हुई।

यह द्विपक्षीय भागीदारी 2019 में भारत और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों द्वारा घोषित महासागर प्रबंधन पर सहयोगात्मक समझौते पर आधारित है। तब से, दोनों देश ब्लू इकोनॉमी के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में समुद्री स्थानिक नियोजन पर सक्रिय रूप से मिलकर काम कर रहे हैं।

वर्तमान बैठक में, मंत्रियों ने इस सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की, जिसमें अन्य देशों, विशेष रूप से द्वीप राष्ट्रों के साथ महासागर प्रबंधन में अपने सामूहिक अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के प्रयास शामिल हैं, जो जलवायु पैटर्न के प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं।

बातचीत के दौरान, दोनों मंत्रियों ने महासागर शासन और समुद्री स्थानिक नियोजन में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो महासागर संसाधनों के सतत उपयोग के लिए वैश्विक रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है। चर्चा में आर्कटिक अनुसंधान, ध्रुवीय विज्ञान मिशनों में सहयोग बढ़ाने और तटीय लचीलेपन और समुद्री डेटा साझाकरण पर सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान पर भी चर्चा हुई।

सौ साल पुराने इस नौकायन पर बोलते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के भारत के संकल्प पर जोर दिया, विशेष रूप से पानी के नीचे जीवन से संबंधित लक्ष्यों पर।

ऑक्रस्ट ने क्षेत्रीय और वैश्विक समुद्री संरक्षण प्रयासों में भारत की सक्रिय भूमिका की सराहना की और समुद्री योजना और निगरानी के लिए डिजिटल उपकरणों के उपयोग सहित अनुसंधान और नवाचार में गहन सहयोग का स्वागत किया।

--आईएएनएस

पीएके/एकेजे

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment