विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान पर नहीं दिया जवाब, कहा- कोई टिप्पणी नहीं

विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान पर नहीं दिया जवाब, कहा- कोई टिप्पणी नहीं

विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान पर नहीं दिया जवाब, कहा- कोई टिप्पणी नहीं

author-image
IANS
New Update
"No comments to offer at this time": MEA on Trump's statement on India, Russia and China

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस हालिया बयान पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत और रूस को सबसे गहरे, अंधेरे चीन के हाथों खो दिया है।

Advertisment

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “इस पोस्ट पर फिलहाल मेरी ओर से कोई टिप्पणी नहीं है।”

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था, “लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है कि इन तीनों देशों का भविष्य लंबा और समृद्ध हो।” इस पोस्ट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीर भी साझा की गई।

यह टिप्पणी उस समय आई है जब पीएम मोदी और पुतिन हाल ही में तियानजिन, चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने शी जिनपिंग और पुतिन दोनों के साथ द्विपक्षीय बैठक की। वहीं, पुतिन और शी जिनपिंग की भी अलग से मुलाकात हुई।

सम्मेलन की शुरुआत से पहले तीनों नेताओं की अनौपचारिक बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिसमें वे मुस्कुराते और बातें करते दिखाई दिए। यह नजारा पिछले साल रूस के कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ली गई एक तस्वीर की याद दिलाता है।

ट्रंप ने इस हफ्ते की शुरुआत में भी भारत-अमेरिका संबंधों को “कई वर्षों से एकतरफा” करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी निर्यात पर “दुनिया में सबसे ऊंचे शुल्क” लगाता है, जबकि अमेरिकी बाजार में भारतीय सामान बिना किसी खास बाधा के प्रवेश करता रहा है।

ट्रंप प्रशासन ने अगस्त में भारतीय आयात पर पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और फिर रूसी तेल खरीद को लेकर इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। भारत ने इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य” बताते हुए कहा था कि उसकी ऊर्जा जरूरतों और रणनीतिक स्वायत्तता का सम्मान किया जाना चाहिए।

--आईएएनएस

डीएससी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment