नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत ने बुधवार को भारत सरकार के द्वारा फंड किए जाने वाले अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) संस्थानों को डायनामिक, ऑटोनॉमस और मिशन-केंद्रित इकोसिस्टम में बदलने को जरूरी बताया।
देहरादून में भारत के आरएंडडी इकोसिस्टम में सुधार पर दो दिवसीय परामर्श बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सारस्वत ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान को नौकरशाही की देरी और कठोर हायरार्की से मुक्त किया जाना चाहिए और इसके बजाय विकेंद्रीकृत निर्णय लेने, समय पर फंडिंग और प्रदर्शन-आधारित जवाबदेही के माध्यम से सशक्त बनाया जाना चाहिए।
डॉ सारस्वत ने पक्षकारों के साथ निरंतर जुड़ाव और साक्ष्य-आधारित नीति सिफारिशों के माध्यम से प्रणालीगत सुधार को आगे बढ़ाने के लिए नीति आयोग की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
नीति आयोग की इस चल रही पहल का उद्देश्य देश में एक दूरदर्शी, इनोवेशन से संचालित और मजबूत अनुसंधान इकोसिस्टम तैयार करना है, जिसमें सरकार द्वारा फंडिंग आरएंडडी संस्थानों और प्रयोगशालाओं की क्षमताओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सीएसआईआर के महानिदेशक और डीएसआईआर के सचिव डॉ एन कलईसेलवी ने इस अत्यंत आवश्यक वार्ता को आयोजित करने में नीति आयोग के नेतृत्व की सराहना की और दीर्घकालिक संरचनात्मक मुद्दों को हल करने में सहयोगी शासन को जरूरी बताया।
उन्होंने विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास के बुनियादी ढांचे को पुनर्जीवित करने और प्रभावशाली अनुवादात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-अकादमिक भागीदारी को मजबूत करने को जरूरी बताया।
वर्तमान में चल रही बैठक में संस्थागत शासन, शोधकर्ता गतिशीलता, अनुवादात्मक अनुसंधान और सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ाने जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय बैठक मई 2025 में राजभवन, लखनऊ में आयोजित प्रथम परामर्शी वार्ता के परिणामों पर आधारित है और भारत के अनुसंधान एवं विकास इकोसिस्टम में प्रणालीगत चुनौतियों का समाधान करने के लिए है।
--आईएएनएस
एबीएस/
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.