शोधकर्ताओं ने बनाया नया एआई टूल, तेजी से बर्ड फ्लू और एच5एन1 मरीजों की पहचान करेगा

शोधकर्ताओं ने बनाया नया एआई टूल, तेजी से बर्ड फ्लू और एच5एन1 मरीजों की पहचान करेगा

शोधकर्ताओं ने बनाया नया एआई टूल, तेजी से बर्ड फ्लू और एच5एन1 मरीजों की पहचान करेगा

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IANS
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New genAI tool to detect bird flu virus exposure, boost H5N1 surveillance

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल बनाया है, जो बहुत तेजी से बर्ड फ्लू (एच5एन1 वायरस) से संभावित रूप से संक्रमित मरीजों की पहचान कर सकता है। इस टूल की खासियत यह है कि यह अस्पतालों के इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर) में लिखे गए डॉक्टरों के नोट्स को स्कैन करके पता लगाता है कि कौन मरीज बर्ड फ्लू के खतरे में है।

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यह एआई मॉडल मरीज के लक्षणों (जैसे खांसी, बुखार, नाक बंद होना, आंखों में लालपन) को पहचानता है। फिर यह जांचता है कि मरीज हाल ही में ऐसे काम या जगह पर तो नहीं गया जहां बर्ड फ्लू का खतरा ज्यादा होता है, जैसे पोल्ट्री फार्म, मुर्गियों के बीच काम करना, या पशुधन वाले खेत।

अगर खतरा दिखता है तो यह मरीज को ‘हाई-रिस्क’ केस के रूप में चिह्नित कर देता है। 2024 में अमेरिका के अस्पतालों के 13,494 मरीजों का डेटा इस एआई से जांचा गया। इन सभी को तेज बुखार, खांसी या आंख की सूजन जैसे लक्षण थे।

क्लिनिकल इनफेक्शियस डिजीज पत्रिका में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान और जन स्वास्थ्य की सहायक प्रोफेसर कैथरीन ई. गुडमैन ने कहा, यह अध्ययन दर्शाता है कि कैसे जनरेटिव एआई हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में एक महत्वपूर्ण कमी को पूरा कर सकता है, उच्च जोखिम वाले उन रोगियों का पता लगाकर जो नजरअंदाज कर दिए जाते हैं।

उन्होंने आगे कहा, एच5एन1 के जानवरों में लगातार प्रसार के साथ, देश भर में हमारा सबसे बड़ा खतरा यह है कि हम नहीं जानते कि हमें क्या नहीं पता। चूंकि हम यह ट्रैक नहीं कर रहे हैं कि कितने लक्षण वाले मरीज बर्ड फ्लू के संभावित संपर्क में हैं, और उनमें से कितने मरीजों का परीक्षण किया जा रहा है, इसलिए संक्रमण का पता नहीं चल पा रहा है। स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के लिए संभावित मानव संपर्क की निगरानी करना और उस जानकारी पर तुरंत कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है।

एआई ने इनमें से 76 मरीजों को चिन्हित किया जिनका बर्ड फ्लू से संपर्क हो सकता था। बाद में जांच में पाया गया कि 14 मरीज हाल ही में मुर्गियों, जंगली पक्षियों या गाय-भैंस के करीब रहे थे। इस एआई को काम पूरा करने में सिर्फ 26 मिनट लगे। प्रति मरीज लागत सिर्फ 3 सेंट (करीब 2.5 रुपए) आई। इससे यह साबित हुआ कि एआई हजारों मरीजों में से भी कुछ खास मामलों को तेजी से पकड़ सकता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी तक हम यह नहीं जान पाते कि कितने लोग बर्ड फ्लू के संपर्क में आए हैं, और कितनों का टेस्ट होना चाहिए। इसी वजह से संक्रमण कई बार अनदेखा किया जाता है। यह एआई टूल उन मामलों को सामने लाकर महामारी फैलने से पहले अलर्ट देने में मदद कर सकता है। भविष्य में इसे इस्तेमाल करके पूरे देश में एक नेटवर्क बनाया जा सकता है, जो नई संक्रामक बीमारियों पर नजर रखेगा और समय रहते लोगों को बचाने में मदद करेगा।

--आईएएनएस

जेपी/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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