शोध : हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में असरदार है ये नई दवा

शोध : हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में असरदार है ये नई दवा

शोध : हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में असरदार है ये नई दवा

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IANS
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New drug shows promise for people with treatment-resistant hypertension

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। दुनिया में करोड़ों लोग हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) से जूझ रहे हैं और उनमें से लगभग आधे लोगों का ब्लड प्रेशर दूसरी दवाओं से भी कंट्रोल नहीं हो पाता। ऐसे मरीज़ों को दिल का दौरा, स्ट्रोक और किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज़्यादा होता है। एक नए अंतर्राष्ट्रीय क्लीनिकल ट्रायल (परीक्षण) में एक नई दवा, बैक्सड्रोस्टेट को ऐसे मरीजों के लिए बहुत असरदार पाया गया है।

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यह दवा उन मरीजों के लिए कारगर साबित हुई है, जिनका ब्लड प्रेशर कई दवाइयों के बावजूद खतरनाक रूप से बढ़ा रहता है और नियंत्रित नहीं हो पाता।

यूसीएल के प्रमुख अन्वेषक प्रोफेसर ब्रायन विलियम्स ने स्पेन के मैड्रिड में आयोजित यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) कांग्रेस 2025 में निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, तीसरे चरण के परीक्षण में बैक्सड्रोस्टेट के साथ सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में लगभग 10 एमएमएचजी की कमी हासिल करना रोमांचक है, क्योंकि इस स्तर की कमी दिल के दौरे, स्ट्रोक, हृदय गति रुकने और गुर्दे की बीमारी के जोखिम को काफी कम करने से जुड़ी है।

हमारे शरीर में एक हार्मोन होता है, जिसका नाम एल्डोस्टेरोन है और यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। कुछ लोगों के शरीर में यह हार्मोन ज्यादा बनने लगता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और इसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। यह हार्मोन किडनी को नमक और पानी रोकने के लिए प्रेरित करता है, जिससे शरीर में पानी और नमक ज्यादा जमा हो जाता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

विलियम्स ने आगे कहा, इससे पता चलता है कि एल्डोस्टेरोन का लाखों रोगियों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण रोल है और इस जानकारी से भविष्य में अधिक प्रभावी उपचार मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है।

इस अंतरराष्ट्रीय ट्रायल में करीब 800 मरीज शामिल किए गए, जो 214 क्लीनिकों में भर्ती थे। इन मरीजों को 12 हफ्तों तक रोजाना एक बार 1 एमजी या 2 एमजी बैक्सड्रोस्टैट दी गई। बैक्सड्रोस्टैट लेने वाले मरीजों का ब्लड प्रेशर औसतन 9-10 एमएमएचजी ज्यादा कम हुआ। वहीं, प्लेसीबो लेने वाले मरीजों में इतनी गिरावट नहीं देखी गई।

बैक्सड्रोस्टैट लेने वाले हर 10 में से 4 मरीजों का ब्लड प्रेशर सामान्य स्तर पर आ गया, जबकि प्लेसीबो लेने वालों में ये संख्या 10 में से 2 से भी कम थी।

बैक्सड्रोस्टैट एल्डोस्टेरोन के उत्पादन को रोकती है, जिससे ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण सीधे तौर पर कंट्रोल हो जाता है। अध्ययन में पाया गया कि बैक्सड्रोस्टैट लेने से ब्लड प्रेशर की कमी कम से कम 32 हफ्तों तक बनी रही और इससे कोई बड़ा साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आया।

--आईएएनएस

जेपी/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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