रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम से चुस्त-दुरुस्त होगी निगरानी व्यवस्था: केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव

रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम से चुस्त-दुरुस्त होगी निगरानी व्यवस्था: केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव

रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम से चुस्त-दुरुस्त होगी निगरानी व्यवस्था: केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव

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IANS
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New Delhi: Curtain Raiser for International Day of Yoga 2025

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बहुत से लोगों ने विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने छह साल के बच्चे की कुत्ते के हमले में मौत के बाद इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया और कुत्तों की नसबंदी व उन्हें शेल्टर में रखने के निर्देश दिए।

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अब इसी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को संसद को जानकारी दी कि राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम (एनआरसीपी) देशभर में कुत्तों के काटने की घटनाओं की निगरानी व्यवस्था को और मजबूत बना रहा है।

राज्यसभा में दिए लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि रेबीज से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उनके अनुसार, सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कुत्तों और अन्य जानवरों के काटने से जुड़े मामलों और मौतों का डेटा इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) पर दर्ज कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत राज्यों को इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए बजट दिया जाता है। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण, रेबीज वैक्सीन की खरीद, जन जागरूकता के लिए सूचना सामग्री, डेटा प्रबंधन, समीक्षा बैठक, निगरानी, और मॉडल एंटी-रेबीज क्लीनिक की सुविधाएं शामिल हैं।”

मंत्री ने बताया कि एनएचएम की राष्ट्रीय निशुल्क औषधि योजना के तहत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी-रेबीज वैक्सीन (एआरवी) और एंटी-रेबीज सीरम (एआरएस)/रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन (आरआईजी) जैसी जीवन रक्षक दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं।

इसके अलावा, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) दिशा निर्देश, प्रशिक्षण सामग्री, लैब्स को और मजबूत बनाना और जागरूकता अभियान के जरिये रेबीज नियंत्रण गतिविधियों को गति दे रहा है। वहीं, राष्ट्रीय वन हेल्थ प्रोग्राम पशु चिकित्सा प्रयोगशालाओं को मजबूत बनाकर रेबीज निदान में मदद कर रहा है।

जाधव ने कहा कि “वन हेल्थ” दृष्टिकोण के तहत सभी राज्यों में समितियां बनाई गई हैं ताकि इंसानों और जानवरों दोनों में फैलने वाले रोगों (जूनोसिस) की रोकथाम हो सके और पशु चिकित्सा क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जा सके।

उन्होंने यह भी बताया कि जनता और स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक करने के लिए कुत्तों के काटने के प्रोटोकॉल, प्रशिक्षण वीडियो और सूचना-संचार सामग्री पूरे देश में प्रसारित की जा रही है।

--आईएएनएस

जेपी/

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