नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत को तकनीकी विकास के भविष्य के लिए करेगा तैयार : उद्योग

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत को तकनीकी विकास के भविष्य के लिए करेगा तैयार : उद्योग

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन भारत को तकनीकी विकास के भविष्य के लिए करेगा तैयार : उद्योग

author-image
IANS
New Update
National Critical Mineral Mission to prepare India for future of technological growth

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस) । उद्योग जगत ने गुरुवार को नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) के औपचारिक शुभारंभ पर सरकार और खान मंत्रालय की सराहना करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक पहल भारत की महत्वपूर्ण खनिजों तक सुरक्षित, सस्टेनेबल और प्रतिस्पर्धी पहुंच की दिशा में एक रणनीतिक मोड़ है।

एनसीएमएम की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2024-25 में महत्वपूर्ण खनिजों पर केंद्रित एक मिशन स्थापित करने की घोषणा से हुई है।

औपचारिक अधिसूचना एडवांस और रणनीतिक टेक्नोलॉजी पर केंद्रित औद्योगिक नीति के लिए एक स्ट्रक्चर्ड, मिशन-मोड अप्रोच की शुरुआत का संकेत देती है।

सेमीकंडक्टर, स्मार्टफोन, सर्वर, प्रेसिजन टूल्स, टेलिकॉम इक्विप्मेंट, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी और क्लीन एनर्जी आदि के लिए महत्वपूर्ण खनिज आवश्यक हैं।

ये इनपुट औद्योगिक ताकत और राष्ट्रीय मजबूती को रेखांकित करते हैं। भू-राजनीतिक और रणनीतिक व्यापार नियंत्रण के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन कमजोर बनी हुई हैं।

इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा, एनसीएमएम एक आधारभूत कदम है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर खनिज-गहन क्षेत्र हैं। यह मिशन भविष्य के लिए हमारी तैयारी के लिए दूरदर्शिता, उद्देश्य और संरचना लाता है।

भारत तकनीकी विकास के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। 2024-25 में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 138 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें मोबाइल फोन का योगदान 64 बिलियन डॉलर था।

सेमीकंडक्टर, एडवांस्ड पैकेजिंग, ईवी, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे नए क्षेत्र बड़े पैमाने पर विकसित होने के लिए तैयार हैं। इन क्षेत्रों को दुर्लभ पृथ्वी, लिथियम, कोबाल्ट, निकल, टंगस्टन, टैंटलम और गैलियम की विश्वसनीय आपूर्ति की आवश्यकता होती है। कोई भी देरी या व्यवधान राष्ट्रीय उद्देश्यों को पटरी से उतार सकता है।

यह मिशन महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने वित्त वर्ष 2031 और उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 500 बिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है। एक सुरक्षित और प्रतिस्पर्धी महत्वपूर्ण खनिज इकोसिस्टम का निर्माण एक दीर्घकालिक रणनीतिक आवश्यकता है।

मोहिंद्रू ने कहा, हमें गति और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। भारत के पास मजबूती बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वैश्विक उदाहरण देरी से प्रतिक्रिया के परिणाम दिखाते हैं। यह मिशन एक नया औद्योगिक अध्याय खोल सकता है। आईसीईए पूरी तरह से सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment