मिंत्रा को हथकरघा की मांग में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान, भारत के कारीगरों और वस्त्र विरासत के लिए एक मंच के रूप में अपनी भूमिका को किया मजबूत

मिंत्रा को हथकरघा की मांग में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान, भारत के कारीगरों और वस्त्र विरासत के लिए एक मंच के रूप में अपनी भूमिका को किया मजबूत

मिंत्रा को हथकरघा की मांग में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान, भारत के कारीगरों और वस्त्र विरासत के लिए एक मंच के रूप में अपनी भूमिका को किया मजबूत

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IANS
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Myntra sees 20 pc growth in handloom demand, boosts role as platform for India’s artisan, textile heritage

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारत द्वारा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाए जाने के अवसर पर, मिंत्रा ने देश की समृद्ध वस्त्र विरासत और कारीगर समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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प्रामाणिकता और शिल्प कौशल की ओर उपभोक्ताओं के बढ़ते रुझान को दर्शाते हुए, इस मंच ने हथकरघा उत्पादों की मांग में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिससे यह मिंत्रा के पारंपरिक और अवसर-आधारित परिधान पोर्टफोलियो में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक बन गया है।

चिकनकारी, बनारसी, जामदानी और इक्कत सहित 50 प्रतिष्ठित भारतीय कला रूपों को शामिल करते हुए एक सावधानीपूर्वक तैयार किए गए पोर्टफोलियो के साथ, मिंत्रा देश भर में 25,000 से ज्यादा कारीगरों को फैशन-प्रेमी उपभोक्ताओं से जोड़ता है।

यह प्लेटफॉर्म वर्तमान में 60 से ज्यादा डेडिकेटेड हैंडलूम-फर्स्ट ब्रांडों के माध्यम से साड़ियों, कुर्ता सेट, पारंपरिक परिधानों, स्कर्ट और दुपट्टों में 20,000 से ज्यादा शैलियों की पेशकश करता है, जो एक ऐसा संग्रह तैयार करता है जो आधुनिक भारतीय खरीदारों की जरूरत को पूरा करते हुए विरासत का सम्मान करता है।

मांग में यह उछाल उपभोक्ताओं खासकर जेन जी और मिलेनियल्स के बीच उनकी बदलती प्राथमिकताओं से प्रेरित है।

मिंत्रा ने रिजनल शोकेस, क्यूरेटेड एडिट्स और ऐप के भीतर उन्नत खोज के माध्यम से इस बदलाव को पूरा करने के लिए अपने अनुभव को अनुकूलित किया है।

मिंत्रा पर हैंडलूम-फर्स्ट ब्रांड भी जागरूक उपभोग की इस नई लहर को अपना रहे हैं।

उत्सव अभियानों और मेड इन इंडिया एडिट्स में भाग लेने से लेकर क्रिएटर-नेतृत्व वाली सामग्री और उत्पाद कैटलॉग के माध्यम से समृद्ध कहानी कहने का लाभ उठाने तक, ये ब्रांड परंपरा और आधुनिकता के बीच की खाई को पाट रहे हैं।

कई ब्रांड ग्राहकों की अंतर्दृष्टि से प्रेरित संग्रहों का सह-निर्माण कर रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि समय-सम्मानित बुनाई तकनीकें समकालीन सौंदर्यशास्त्र के साथ मिलकर विकसित हों।

जैसे-जैसे कारीगरों द्वारा तैयार किए गए फैशन की मांग बढ़ती जा रही है, मिंत्रा नए शिल्प समूहों को शामिल कर और क्षेत्रीय साझेदारियों का विस्तार कर अपने प्रयासों का विस्तार कर रहा है, जिससे भारत के जीवंत हथकरघा इकोसिस्टम के लिए एक मंच के रूप में इसकी भूमिका और मजबूत हो रही है।

मिंत्रा के हाउस ऑफ ब्रांड्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीएक्सओ) सुमन साहा ने कहा, भारत की हथकरघा विरासत केवल फैशन तक ही सीमित नहीं है, यह पहचान, समुदाय और शिल्प कौशल का उत्सव है। मिंत्रा में, हमें इन अद्भुत कारीगरों और नई पीढ़ी के उपभोक्ताओं के बीच एक सेतु का काम करने पर गर्व है, जो परंपरा और स्थिरता को गहराई से महत्व देते हैं।

आर्टईस्ट्री की संस्थापक रत्नबली मित्रा ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में, आर्टईस्ट्री ने कारीगर समूहों के साथ मिलकर काम करते हुए एक डेडिकेटेड सप्लाई चेन बनाई है। बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि एक हथकरघा उत्पाद ग्राहक तक पहुंचने से पहले कताई और बुनाई से लेकर रंगाई, सिलाई और फिनिशिंग तक कम से कम 15 कुशल हाथों से होकर गुजरता है। यह न केवल आर्थिक उत्थान को दर्शाता है, बल्कि उनके शिल्प के लिए अधिक सम्मान और मान्यता को भी दर्शाता है।

सुता की सह-संस्थापक तान्या बिस्वास ने कहा, पश्चिम बंगाल के एक छोटे से बुनकर समुदाय की कहानी हमारे दिल के बेहद करीब है। मिंत्रा पर सुता के जरिए प्रदर्शित होने के बाद, उनके करघे एक बार फिर खूब पसंद किए जा रहे हैं। तांती समुदाय पांच पीढ़ियों से बुनाई कर रहा है; वे केवल बुनाई ही नहीं, डिजाइन भी बनाते हैं।

बिस्वास ने आगे कहा, धागे और करघा उनका अभिन्न अंग हैं और उनकी पहचान में बुने हुए हैं। नए ऑर्डर और बेहतर आय के साथ, कई युवा बुनकर, जो इस कला से दूर हो गए थे, अपनी जड़ों की ओर लौट आए। उनकी कला को न केवल बाजार मिला, बल्कि एक अर्थ भी मिला। अतीत पीछे न छूटे, बल्कि भविष्य में अपनी जगह बनाए यही हमारे लिए सफलता है।

एक अग्रणी फैशन और लाइफस्टाइल प्लेटफॉर्म के रूप में मिंत्रा की पहुंच और विस्तार ने इसे भारत की समृद्ध हथकरघा परंपराओं को डिजिटल बनाने में एक पावरफुल कैटलिस्ट बना दिया है। मित्रां सुनिश्चित करता है कि वे आज के तेजी से बदलते फैशन परिदृश्य में प्रासंगिक और सुलभ बने रहें।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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