भारत की डेटा सेंटर क्षमता में टॉप पर पहुंचा मुंबई , 4 गीगावाट का आंकड़ा पार किया : रिपोर्ट

भारत की डेटा सेंटर क्षमता में टॉप पर पहुंचा मुंबई , 4 गीगावाट का आंकड़ा पार किया : रिपोर्ट

भारत की डेटा सेंटर क्षमता में टॉप पर पहुंचा मुंबई , 4 गीगावाट का आंकड़ा पार किया : रिपोर्ट

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IANS
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Mumbai tops India’s data-centre capacity surpassing 4 GW milestone: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। मुंबई भारत की डेटा सेंटर राजधानी बनकर उभरा है, जिसकी हिस्सेदारी देश की कुल क्षमता में 40 प्रतिशत और मौजूदा आईटी क्षमता में 44 प्रतिशत पहुंच गई है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

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रियल एस्टेट सेवा फर्म नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में, मुंबई की डेटा सेंटर क्षमता 14.3 प्रतिशत बढ़कर 4 गीगावाट के आंकड़े को पार कर गई, जिसमें 591 मेगावाट चालू, 185 मेगावाट निर्माणाधीन और 3.2 गीगावाट पाइपलाइन में है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि भारत के डेटा सेंटर बाजार पर आधारित है, जो 2024 की दूसरी छमाही में 10 गीगावाट को पार कर गया था, जिसमें 1.4 गीगावाट की लाइव और 400 मेगावाट निर्माणाधीन क्षमता शामिल है।

मुंबई में तीन मौजूदा साइटें 2.5 मेगावाट से अधिक क्षमता वाले हाइपरस्केल डिप्लॉयमेंट का समर्थन कर सकती हैं और केवल एक ही 10 मेगावाट से अधिक क्षमता उपलब्ध कराती है।

1-2 मेगावाट क्षमता वाली छोटी सुविधाओं के विखंडित बाजार ने वैश्विक कंपनियों और संयुक्त उद्यमों को उच्च क्षमता वाले परिसरों की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जैसे कि एनटीटी की 500 मेगावाट क्षमता वाली एनएवी2 परियोजना और ब्लैकस्टोन-पंचशील रियल्टी की 500 मेगावाट क्षमता वाली एआई सुविधा।

रिपोर्ट में कहा गया कि हैदराबाद 2.1 गीगावाट क्षमता वाला भारत का दूसरा सबसे बड़ा डेटा-सेंटर बाजार है और दो प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से 500 मेगावाट से अधिक की नई क्षमता के साथ हाइपरस्केल विकास के लिए खुद को तैयार कर रहा है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, 3 गीगावाट से ज्यादा की क्षमता पाइपलाइन में है और ग्रीन डेटा सेंटर पार्कों के लिए मजबूत नीतिगत समर्थन के साथ, मुंबई निरंतर वैश्विक निवेश आकर्षित कर रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया कि मुंबई ने खुद को भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित किया है। हालांकि चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे अन्य महानगर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कोई भी मुंबई के पैमाने, गति और क्लाउड, एआई और एंटरप्राइज वर्कलोड के लिए दक्षिण एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में सेवा करने की क्षमता की बराबरी नहीं कर सकता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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