महंगाई में गिरावट के कारण अक्टूबर में हो सकती है रेपो रेट में कटौती : मॉर्गन स्टेनली

महंगाई में गिरावट के कारण अक्टूबर में हो सकती है रेपो रेट में कटौती : मॉर्गन स्टेनली

महंगाई में गिरावट के कारण अक्टूबर में हो सकती है रेपो रेट में कटौती : मॉर्गन स्टेनली

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IANS
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Morgan Stanley expects one more rate cut in October amid cooling inflation

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी अक्टूबर की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की एक और कटौती कर सकता है। इसकी वजह महंगाई में गिरावट आना है।

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हालांकि, मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि केंद्रीय बैंक अपनी आगामी अगस्त की एमपीसी की बैठक में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखेगा, लेकिन कहा है कि महंगाई में अपेक्षा से अधिक नरमी के कारण अगस्त में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है।

अपनी ताजा रिसर्च रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई इस वर्ष फरवरी से लगातार 4 प्रतिशत से नीचे रही है।

कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही के लिए, महंगाई औसतन केवल 3.2 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 5 प्रतिशत थी।

खुदरा महंगाई दर जून में सालाना आधार पर गिरकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई, जो फरवरी 2019 के बाद से सबसे कम है। वहीं, थोक महंगाई दर भी हल्के अपस्फीति क्षेत्र में प्रवेश कर गई है।

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म ने रिपोर्ट में कहा, महंगाई में गिरावट और आर्थिक विकास के आंकड़ों से मिले-जुले संकेतों के कारण मौद्रिक नीति में ढील को लेकर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है।

मॉर्गन स्टेनली को अगस्त की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव न होने की उम्मीद है, लेकिन उसका मानना है कि आरबीआई कोई और कदम उठाने से पहले विकास के रुझानों के और आंकड़ों का इंतजार कर सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, निकट भविष्य में महंगाई में बड़ी कमी आई है और अगले वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान स्थिर बना हुआ है। इस कारण केंद्रीय बैंक अक्टूबर में रेपो रेट में एक और कटौती कर सकता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि खाद्य महंगाई दर अब अपस्फीतिकारी क्षेत्र में प्रवेश कर गई है, जो समग्र मूल्य वृद्धि में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक थी।

जून में खाद्य कीमतों में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जो फरवरी 2019 के बाद पहली गिरावट है। यह मुख्य रूप से पिछले वर्ष के उच्च आधार, मजबूत फसल उत्पादन और बेहतर मौसम की स्थिति के कारण है।

रिपोर्ट के अनुसार, नीतिगत मोर्चे पर, सरकार ने गेहूं और दालों जैसी आवश्यक वस्तुओं पर स्टॉक सीमा लगाकर, खुले बाजार में गेहूं बेचकर और भारत ब्रांड के माध्यम से सब्सिडी वाली सब्जियाँ और दालें उपलब्ध कराकर खाद्य कीमतों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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