पाकिस्तान में बारिश से आठ और मौतें, अब तक कुल 266 लोगों की जान गई

पाकिस्तान में बारिश से आठ और मौतें, अब तक कुल 266 लोगों की जान गई

पाकिस्तान में बारिश से आठ और मौतें, अब तक कुल 266 लोगों की जान गई

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IANS
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Monsoon rains claim eight more lives in Pakistan, death toll hits 266

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 25 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान में जारी भारी मानसूनी बारिशों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटों में देशभर में आठ और लोगों की मौत हो गई, जिससे अब तक की कुल मौतों की संख्या 266 हो गई है। यह जानकारी पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ताजा रिपोर्ट में दी गई है।

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रिपोर्ट के अनुसार, हालिया आठ मौतों में से तीन खैबर पख्तूनख्वा में हुईं, जहां पांच लोग घायल भी हुए हैं। वहीं, इस्लामाबाद और पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान में दो-दो मौतें हुईं, जबकि सिंध में एक व्यक्ति की जान गई।

मौसम विभाग के अनुसार, मानसून सीजन की शुरुआत जून के अंत में हुई थी, तब से अब तक देशभर में 94 पुरुष, 46 महिलाएं और 126 बच्चों सहित कुल 266 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 628 लोग बारिश और उससे संबंधित हादसों में घायल हुए हैं।

पंजाब प्रांत इस समय सबसे अधिक प्रभावित है, जहां सबसे ज्यादा 144 मौतें और 488 घायल दर्ज किए गए हैं। हाल ही में रावलपिंडी में आई बाढ़ के बाद जिला प्रशासन ने शहर के 19 शहरी इलाकों को संभावित फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) के लिहाज से अति संवेदनशील घोषित किया है।

डिप्टी कमिश्नर हसन वकार चीमा ने संबंधित क्षेत्रों में सहायक आयुक्तों, तहसीलदारों और विभागीय अधिकारियों को निगरानी अधिकारी नियुक्त किया है।

नए खतरे वाले क्षेत्रों में न्यू कतारियां, लाई ब्रिज, बंगश कॉलोनी, जियाउल हक कॉलोनी, बोरिंग रोड, पीरवधाई ब्रिज, ढोक नाजू, ढोक दलाल, ढोक हसू ब्रिज, हजारा कॉलोनी, ढोक रत्ता, ग्वालमंडी, ढोक इलाही बख्श, सादिकाबाद, जावेद कॉलोनी, नदीम कॉलोनी, ताहली मोहरी, जान कॉलोनी, टेंच भट्टा लास्ट स्टॉप, बनारस कॉलोनी और शेरॉन कॉलोनी (सावन कैंप) शामिल हैं।

रावलपिंडी के नदीम कॉलोनी, जावेद कॉलोनी और ढोक इलाही बख्श के कई निवासियों ने स्थिति पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पिछले 50 वर्षों से उनका इलाका लगातार बाढ़ की चपेट में आता रहा है, लेकिन हर बार सरकारी उपेक्षा ही देखने को मिलती है। उन्होंने आरोप लगाया कि हालिया बाढ़ के दौरान कोई भी सरकारी अधिकारी मदद के लिए मौजूद नहीं था और पूरा इलाका पानी में डूबा रहा।

--आईएएनएस

डीएससी/

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