उलान बटोर, 27 जून (आईएएनएस)। मंगोलिया में खसरे का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। नेशनल सेंटर फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीसीडी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में खसरे के 232 नए मामले सामने आए हैं, जिससे देश में कुल मामले 10,065 हो गए हैं।
वहीं, 260 और मरीज ठीक हुए हैं, जिससे कुल रिकवरी की संख्या 8,405 पहुंच गई है।
एनसीसीडी ने बताया कि नए मामलों में अधिकांश स्कूल जाने वाले बच्चे हैं, जिन्हें खसरे के टीके की केवल एक खुराक मिली थी। इस स्थिति को देखते हुए, एनसीसीडी ने परिजनों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए खसरे के वैक्सीन की दोनों खुराक जरूर दिलवाएं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, खसरा संक्रामक वायरल बीमारी है, जो सांस, खांसी या छींक के जरिए आसानी से फैलती है। यहां तक कि इससे मृत्यु भी हो सकती है।
खसरा मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति जो वैक्सीन नहीं लेता या जिसकी इम्यून सिस्टम कमजोर है, वह इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और पूरे शरीर पर चकत्ते शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, वैक्सीनेशन खसरे से बचाव और इसके प्रसार को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। यह न केवल सुरक्षित है बल्कि वायरस से लड़ने में भी मदद करता है।
साल 1963 में खसरे के टीके की शुरुआत से पहले, हर 2 से 3 साल में बड़े पैमाने पर महामारी फैलती थी, जिससे हर साल लगभग 26 लाख लोगों की मौत हो जाती थी। साल 2023 में सुरक्षित और किफायती वैक्सीन की उपलब्धता के बावजूद, खसरे से लगभग 1,07,500 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चे थे।
मंगोलिया में खसरे के मामले खासकर उन क्षेत्रों में ज्यादा हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं कमजोर हैं।
एनसीसीडी ने चेतावनी दी है कि जिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं ने इस बीमारी से बचाव में कारगर वैक्सीन नहीं लगवाई है, उनको इसकी चपेट में आने के सबसे ज्यादा चांस हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि वैक्सीनेशन कैंपेन का प्रसार तेजी से करना होगा।
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