/newsnation/media/media_files/thumbnails/202509083504214-709957.jpg)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
आइजोल/गुवाहाटी, 8 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को बैराबी-सैरांग नई रेलवे परियोजना का उद्घाटन कर सकते हैं। पीएम मोदी की संभावित यात्रा को लेकर मिजोरम में तैयारियां जोरों शोरों पर की जा रही है।अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी (असम के हैलाकांडी जिले के पास)-सैरांग (आइजोल शहर के पास) रेलवे परियोजना गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद आइजोल को रेलवे से जुड़ा पूर्वोत्तर क्षेत्र का चौथा राजधानी शहर बनाएगी।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के वरिष्ठ अधिकारी, महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी के नेतृत्व में, रेलवे परियोजना और उद्घाटन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए तैयारियां जोरों शोरों से की जा रही है।
एनएफआर के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, पीएमओ ने अभी तक प्रधानमंत्री की मिजोरम यात्रा और कार्यक्रम को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। लेकिन हम प्रधानमंत्री की यात्रा और इस महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना के उद्घाटन की पूरी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संभावित कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री असम राइफल्स मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और नवनिर्मित सैरांग रेलवे स्टेशन पर रेलवे परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), जनजातीय मामले, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी इन कार्यक्रमों में उपस्थित रहेंगे।
एनएफआर के अधिकारियों ने बताया कि बैराबी-सैरांग नई रेलवे परियोजना के उद्घाटन के बाद, मिजोरम की राजधानी आइजोल और गुवाहाटी, कोलकाता और दिल्ली को जोड़ने वाली तीन एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू होंगी।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सतीश कुमार और एनएफआर के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी पहले ही मिजोरम और रेलवे परियोजना स्थलों का दौरा कर चुके हैं। आइजोल में राज्य के मुख्यमंत्री लालदुहोमा के साथ कई बैठकें कर बैराबी-सैरांग नई रेलवे परियोजना पर चर्चा भी हो चुकी है।
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने पहले कहा था कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने सीएम लालदुहोमा से रेलवे परियोजना के साथ ही पूर्वोत्तर राज्य में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से अन्य रणनीतिक पहलों पर चर्चा की थी।
बैराबी-सैरांग नई लाइन रेलवे परियोजना का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह पूर्वोत्तर में रेल संपर्क को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सीपीआरओ शर्मा ने कहा कि यह ऐतिहासिक परियोजना (बैराबी-सैरांग) पहली बार मिजोरम की राजधानी आइजोल से सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे राज्य राष्ट्रीय रेल नेटवर्क में पूरी तरह से एकीकृत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे व्यापार में वृद्धि होगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और सामाजिक-आर्थिक विकास के नए रास्ते खुलेंगे, जिससे मिजोरम के लोगों का अपनी राजधानी तक रेलगाड़ियों के पहुंचने का एक पुराना सपना पूरा होगा।
अधिकारी ने कहा कि 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग नई लाइन रेलवे परियोजना को भारतीय रेलवे का एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जाता है, जिसे 8,071 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया गया है। इस परियोजना में 48 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल शामिल हैं। कुल 12,853 मीटर लंबी सुरंगें शामिल हैं, जिनमें सबसे लंबी सुरंग (सुरंग संख्या 3) लगभग दो किलोमीटर लंबी है। सीपीआरओ ने बताया कि पुल संख्या 196 की ऊंचाई 114 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊंची है।
इस परियोजना में पांच रोड ओवर ब्रिज और छह रोड अंडर ब्रिज भी शामिल हैं। इस नई लाइन परियोजना में चार नए स्टेशनों - होरटोकी, कावनपुई, मुआलखांग और सैरांग का निर्माण भी शामिल है।
सीपीआरओ शर्मा ने कहा कि चुनौतीपूर्ण भूभाग के बावजूद, एनएफआर ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण भौगोलिक और इंजीनियरिंग बाधाओं को पार करते हुए, आइजोल तक रेल संपर्क बढ़ाने में उल्लेखनीय कार्य किया है।
--आईएएनएस
केआर/
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.