डॉक्टर की लापरवाही से खतरे में मरीज की जान, सर्जरी के बाद छाती में रह गई गाइड वायर

डॉक्टर की लापरवाही से खतरे में मरीज की जान, सर्जरी के बाद छाती में रह गई गाइड वायर

डॉक्टर की लापरवाही से खतरे में मरीज की जान, सर्जरी के बाद छाती में रह गई गाइड वायर

author-image
IANS
New Update
Medical negligence surfaces as Kerala woman suffers after guide wire left in chest

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

तिरुवनंतपुरम, 28 अगस्त (आईएएनएस)। तिरुवनंतपुरम के जनरल हॉस्पिटल से एक बड़ा चौंकाने वाला और डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। इसके तार केरल की सुमैया से जुड़े हैं, जिसकी जिंदगी उस वक्त बदल गई जब सर्जरी के बाद उसकी छाती में एक गाइड वायर यानी एक पतली सी धातु की तार छोड़ दी गई। ये वायर दवाई देने के लिए सेंट्रल लाइन के साथ शरीर में डाली गई थी, लेकिन बाद में उसे हटाया नहीं गया।

Advertisment

ये मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई, जिसमें डॉक्टर खुद इस गलती को स्वीकार करते सुनाई दिए। डॉक्टर ने सुमैया के रिश्तेदार से बातचीत में कहा, जो हुआ, वो सच में एक गलती थी।

डॉक्टर ने बताया कि यह गड़बड़ी एक्स-रे के बाद ही पता चली, और उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग दवा देने के लिए ट्यूब डाल रहे थे, असली जिम्मेदार वही हैं। हालांकि, सुमैया के परिवार का आरोप है कि डॉक्टर को पहले से पता था कि गाइड वायर शरीर के अंदर रह गया है, लेकिन उन्होंने ये बात जानबूझकर छिपाई।

केरल के कट्टक्कड़ा की रहने वाली सुमैया मलयिनकीझू ने 22 मार्च 2023 को तिरुवनंतपुरम जनरल हॉस्पिटल में थायरॉइड की सर्जरी करवाई थी। सर्जरी के बाद जब नसें ढूंढना मुश्किल हो गया, तब डॉक्टरों ने दवाई और खून चढ़ाने के लिए एक सेंट्रल लाइन डाली। इस प्रक्रिया में गाइड वायर का इस्तेमाल किया गया, लेकिन वह अंदर ही छूट गया।

बाद में जब सुमैया की तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे श्री चित्रा इंस्टीट्यूट ले जाया गया। वहां की जांच में साफ हुआ कि उसकी छाती में जो चीज फंसी है, वह वही गाइड वायर है। अब वह वायर खून की नसों से चिपक चुकी है और डॉक्टरों ने कह दिया है कि अब उसे ऑपरेशन के जरिए निकालना संभव नहीं है, जिसके चलते अब सुमैया को इस गलती के परिणामों के साथ जीना पड़ रहा है।

सुमैया की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है, और उसने इस लापरवाही के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई है और अपनी शिकायत लेकर विपक्ष के नेता से भी मिली है। उसका कहना है कि उसे इस घटना से काफी शारीरिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है, इसलिए उसे न्याय और बेहतर इलाज मिलना चाहिए।

जैसे-जैसे मामला मीडिया में सामने आया, जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) ने अस्पताल प्रशासन से इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मामले की जांच की जा रही है।

साल 2017 में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था, जब कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में हर्षीना नाम की एक महिला के पेट में ऑपरेशन के बाद कैंची छूट गई थी। हर्षीना को कई साल तक पेट दर्द होता रहा, लेकिन कोई वजह नहीं समझ आ रही थी। जब जांच हुई, तब पता चला कि पेट में कैंची रह गई है, जिसे बाद में ऑपरेशन करके निकाला गया।

--आईएएनएस

पीके/केआर

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment