निमिषा प्रिया केस में धन जुटाने का दावा फर्जी: विदेश मंत्रालय

निमिषा प्रिया केस में धन जुटाने का दावा फर्जी: विदेश मंत्रालय

निमिषा प्रिया केस में धन जुटाने का दावा फर्जी: विदेश मंत्रालय

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IANS
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MEA busts fake claims about govt seeking funds for Nimisha Priya case

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर फैल रहे उन दावों को फर्जी करार दिया है, जिनमें कहा गया था कि सरकार भारतीय नर्स निमिषा प्रिया मामले में धनराशि एकत्र कर रही है।

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विदेश मंत्रालय के आधिकारिक फैक्ट चेक हैंडल ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि कुछ यूजर्स ने भारत सरकार के खाते में 8.3 करोड़ रुपये जमा कराने की अपील की है ताकि निमिषा प्रिया को बचाया जा सके। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है।

फैक्ट चेक हैंडल ने लिखा, “हमने सोशल मीडिया पर ऐसे दावे देखे हैं, जिनमें निमिषा प्रिया मामले के लिए भारत सरकार के नामित बैंक खाते में धन जमा करने की अपील की गई है। यह दावा झूठा है।”

निमिषा प्रिया इस समय यमन की जेल में बंद हैं और उन पर अपने कारोबारी साझेदार तलाल अब्दो मेहदी की 2017 में हत्या का आरोप है। उन्हें जुलाई में फांसी दी जानी थी, लेकिन भारत सरकार और अन्य पक्षों की लंबी बातचीत के बाद उनकी फांसी की सजा को टाल दिया गया।

प्रिया 2008 में नौकरी के लिए यमन गई थीं और नर्स के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने खुद का क्लिनिक शुरू किया। 2017 में विवाद के चलते उन्होंने अपने साझेदार को कथित तौर पर बेहोशी की दवा दी ताकि पासपोर्ट वापस ले सकें, लेकिन उसकी मौत हो गई। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर हत्या का दोषी ठहराया गया। 2020 में मौत की सजा सुनाई गई, जिसे नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने बरकरार रखा। हालांकि, अदालत ने पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति देकर माफी पाने की संभावना खुली रखी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि यह बेहद संवेदनशील मामला है और भारत सरकार लगातार इसमें हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने सभी से अपील की थी कि इस मामले में अटकलों और अफवाहों से बचें।

जायसवाल ने कहा था, “सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि सजा टल पाई। हम इस मामले पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और हर संभव सहायता दे रहे हैं। हम कुछ मित्र देशों के संपर्क में भी हैं। लेकिन यह बेहद संवेदनशील और जटिल मामला है, इसलिए मीडिया रिपोर्ट्स में आ रही अटकलें या गलत जानकारी बिल्कुल मददगार नहीं हैं। कृपया हमारे आधिकारिक अपडेट का इंतजार करें।”

--आईएएनएस

डीएससी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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