रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण के लिए 'मेक इन इंडिया' महत्वपूर्ण : अशोक वधावन

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण के लिए 'मेक इन इंडिया' महत्वपूर्ण : अशोक वधावन

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण के लिए 'मेक इन इंडिया' महत्वपूर्ण : अशोक वधावन

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IANS
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‘Make in India’ vital for defence self-reliance, nation-building: Ashok Wadhawan

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के ज्वाइंट प्रेसिडेंट और लैंड सिस्टम हेड अशोक वधावन ने बुधवार को कहा कि देश को क्रिटिकल डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेक इन इंडिया को एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में, विशेष रूप से ऊर्जा सामग्री के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भारत की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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उन्होंने पीएचडीसीसीआई के एम्मो पावर कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र के साइडलाइन में आईएएनएस से कहा, वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, विशेष रूप से ऊर्जा सामग्री के क्षेत्र में हमें देश की रक्षा करने के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा। यह हमारे लिए राष्ट्र निर्माण से जुड़ा है।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के साथ-साथ हथियारों, विस्फोटकों और ऊर्जा सामग्री के लिए एक सस्टेनेबल घरेलू उद्योग बनाने के लिए सरकार, सशस्त्र बलों, निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र को एक साथ लाता है।

वधावन ने कहा, यह एक शानदार प्रदर्शन है, जिसकी बहुत अधिक जरूरत है। हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां हमें भारत में क्षमता निर्माण की आवश्यकता है और अदानी में हम ऐसा ही कर रहे हैं।

युद्ध के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए वधावन ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षों में, दुनिया भर के संघर्षों में पारंपरिक टैंकों और मिसाइलों से सटीकता-संचालित प्रणालियों की ओर बदलाव देखा गया है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को इस विकास के अनुरूप, सार्वजनिक संस्थानों के समर्थन से, निजी क्षेत्र की क्षमता का तत्काल निर्माण करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ऊर्जावान सामग्री प्राथमिकता वाले क्षेत्र होने चाहिए।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, हम इसे साकार करने में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। यह वह जगह है, जहां उपयोगकर्ता को इसकी आवश्यकता है और हम वास्तव में क्षमता निर्माण के लिए आगे आ रहे हैं।

समारोह का स्वागत करते हुए, पीएचडीसीसीआई के निदेशक डॉ. नासिर जमाल ने कहा कि गोला-बारूद केवल एक कंज्यूमेबल आइटम नहीं है, बल्कि मिशन की सफलता, निवारण और तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक युद्ध के युग में, भारत के हथियार स्मार्ट, सटीक, विश्वसनीय और स्वदेशी रूप से उपलब्ध होने चाहिए।

रक्षा मंत्रालय के सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने आत्मनिर्भरता के लिए सरकार के एक दशक से चल रहे प्रयासों पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार और सशस्त्र बलों की मंशा तो है, लेकिन उद्योग को न केवल भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए बल्कि वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए भी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

--आईएएनएस

एसकेटी/

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