मुंबई, 14 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री (शहरी) योगेश कदम ने सोमवार को राज्य परिषद में उत्तर केनरा गौड़ सारस्वत सहकारी बैंक भ्रष्टाचार मामले की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा जांच की घोषणा की।
भाजपा विधायक प्रसाद लाड और प्रवीण दरेकर द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में मंत्री ने साजिश की बात कही।
उन्होंने कहा कि उत्तर केनरा गौड़ सारस्वत सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक, कर्मचारियों और यूबी इंजीनियरिंग के मुख्य वित्तीय अधिकारी व अन्य संबंधितों ने जाली पत्र के आधार पर 2018 से 2021 के बीच बैंक की गिरगांव शाखा में कंपनी द्वारा बंद किए गए बैंक खाते को खोलने की साजिश रची और हस्ताक्षरकर्ता प्राधिकारी बदलकर उसमें वित्तीय लेनदेन किया।
मंत्री ने कहा कि इस संबंध में 1.83 करोड़ रुपए अन्य स्थान पर भेजे जाने की भी शिकायतें मिली हैं। इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी का भी बैंक से संबंध है, इसलिए पूरे मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जाएगी।
इस बैंक में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में स्पष्टीकरण देते हुए मंत्री कदम ने स्पष्ट किया कि जांच के दौरान संबंधित वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के खिलाफ किसी भी वित्तीय लेनदेन का कोई लिखित प्रमाण नहीं मिला।
हालांकि, तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने इस मामले में दर्ज शिकायत की जांच को उचित दिशा नहीं दी। इसलिए, प्रशासन ने उनके विरुद्ध कर्तव्यहीनता के आरोप में आवश्यक कार्रवाई की है।
मंत्री ने बताया कि बैंक में जमा 1.83 करोड़ रुपए की राशि को डी-फ्रीज करके अवैध रूप से निकाल लिया गया। रिजर्व बैंक के ऑडिट में यह मामला उजागर होने के बाद, बैंक ने ब्याज सहित पूरी राशि वापस कर दी। इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक ने संबंधित बैंक पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
इस बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक और उनकी पत्नी (बैंक की अध्यक्ष) के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इस संबंध में प्राप्त शिकायतों के आधार पर, 47 मामलों में फॉरेंसिक ऑडिट की गई है और जांच जारी है।
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