पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान हवाई क्षेत्र पर असर, लुफ्थांसा और एयर फ्रांस ने बदले रूट

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान हवाई क्षेत्र पर असर, लुफ्थांसा और एयर फ्रांस ने बदले रूट

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान हवाई क्षेत्र पर असर, लुफ्थांसा और एयर फ्रांस ने बदले रूट

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IANS
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Pahalgam attack: Lufthansa, Air France take longer routes to avoid Pak airspace

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का असर एयरलाइंस कंपनियों पर भी पड़ने लगा है। वैश्विक एयरलाइंस एयर फ्रांस और लुफ्थांसा ने अपनी उड़ानों के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने का फैसला लिया है।

एयर फ्रांस ने बयान में कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के कारण, एयरलाइन ने अगली सूचना तक पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से उड़ानों को निलंबित करने का निर्णय लिया है।”

जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा ने भी कहा कि उनकी उड़ानें “अगली सूचना तक पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से परहेज कर रही हैं।”

फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से यह भी पता चला है कि अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस जैसे ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइंस और अमीरात भी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचते हुए वैकल्पिक और लंबी उड़ानें भर रही हैं, जिससे ईंधन की खपत और उड़ान का समय बढ़ गया है।

लुफ्थांसा ने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचने के कारण कुछ एशियाई मार्गों पर उड़ानों का समय लंबा हो रहा है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। एयरलाइन ने कहा कि वह क्षेत्र में हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है।

वहीं, भारत की एयर इंडिया और इंडिगो ने भी घोषणा की है कि उनके अंतरराष्ट्रीय मार्ग अब पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से नहीं होकर गुजरेंगे। पाकिस्तान द्वारा भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।

इंडिगो ने कहा कि उसके कुछ अंतरराष्ट्रीय मार्ग अब लंबी दूरी के हो गए हैं, जिससे कुछ उड़ानों के समय में बदलाव किया गया है। इसके अलावा इंडिगो ने अपनी अल्माटी और ताशकंद की उड़ानों को रद्द कर दिया है, क्योंकि ये गंतव्य अब उसके मौजूदा विमानों की संचालन क्षमता से बाहर हो गए हैं।

एयर इंडिया ने भी कहा है कि उत्तरी अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और मध्य-पूर्व जाने वाली उड़ानें अब वैकल्पिक और लंबी रूट से जाएंगी, जिससे उड़ानों की अवधि और ईंधन खर्च दोनों बढ़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने के चलते, पाकिस्तान को मिलने वाले ओवरफ्लाइट शुल्क से होने वाली आय पर भी असर पड़ने की आशंका है।

--आईएएनएस

डीएससी/एबीएम

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