विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मन समकक्ष के साथ द्विपक्षीय सहयोग के नए आयामों पर जोर दिया

विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मन समकक्ष के साथ द्विपक्षीय सहयोग के नए आयामों पर जोर दिया

विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मन समकक्ष के साथ द्विपक्षीय सहयोग के नए आयामों पर जोर दिया

author-image
IANS
New Update
Look forward to discussion on various dimensions of bilateral cooperation: EAM Jaishankar tells German counterpart Wadephul

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। भारत और जर्मनी के बीच लंबे समय से चला आ रहा बहुपक्षीय सहयोग है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया और कहा कि वे अपने जर्मन समकक्ष जोहान वाडेफुल के साथ द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज होने वाली बातचीत से दोनों देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाया जाएगा।

Advertisment

बुधवार को वाडेफुल के साथ अपनी बैठक के दौरान अपने भाषण में, जयशंकर ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को गहरा करने और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता में तेजी लाने के लिए जर्मनी का सहयोग चाहता है।

उन्होंने कहा, हम 25 वर्षों की रणनीतिक साझेदारी, 50 वर्षों के वैज्ञानिक सहयोग, लगभग 60 वर्षों के सांस्कृतिक समझौतों और एक शताब्दी से भी अधिक के व्यावसायिक संबंधों का जश्न मना रहे हैं। मुझे खुशी है कि इस यात्रा के दौरान आपको बेंगलुरु जाने और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे सहयोग की अपार संभावनाओं को देखने का अवसर मिला। मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि आप अपने साथ एक मजबूत व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल और कुछ संसद सदस्य भी लाए हैं।

उन्होंने आगे कहा, आज, मैं हमारे द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा की उम्मीद करता हूं। ऐसा करके, हम बाद में होने वाली उपयोगी अंतर-सरकारी बैठकों की भी तैयारी कर सकेंगे। हमारे लिए यह जानना बहुत महत्वपूर्ण होगा कि महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर जर्मनी का क्या दृष्टिकोण है। हम यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को गहरा करने और मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत को तेज करने के लिए आपके समर्थन पर भरोसा करते हैं। भारत और जर्मनी का बहुपक्षीय सहयोग का एक मजबूत इतिहास रहा है और मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत से यह और भी आगे बढ़ेगा।

जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री के रूप में जोहान वाडेफुल का भारत में उनकी पहली यात्रा पर स्वागत किया।

जयशंकर ने यह भी कहा कि, मेरा मानना है कि यह दौरा अपने आप में एक संदेश है, क्योंकि यह मेरी मई में बर्लिन यात्रा के कुछ ही महीनों बाद हो रहा है। हम यह भी जानते हैं कि यूरोप के बाहर यह आपके शुरुआती दौरों में से एक है और हम भारत आने के लिए आपकी बहुत सराहना करते हैं।

इससे पहले, मंगलवार को, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जोहान वाडेफुल का भारत में स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि बेंगलुरु और दिल्ली में उनकी मुलाकात से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी।

जायसवाल ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, भारत में आपका हार्दिक स्वागत है। जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल नई दिल्ली पहुंच गए हैं। बेंगलुरु और दिल्ली में उनकी मुलाकात भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी और हम इसके 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।

भारत के लिए रवाना होने से पहले, जोहान वाडेफुल ने भारत को हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) में एक प्रमुख साझेदार बताया और दोनों देशों के बीच संबंधों को घनिष्ठ बताया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। हमारे संबंध राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से घनिष्ठ हैं। सुरक्षा सहयोग से लेकर नवाचार और तकनीक, और कुशल श्रमिकों की भर्ती तक हमारी रणनीतिक साझेदारी के विस्तार में बहुत संभावनाएं हैं।

उन्होंने आगे कहा, दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश और सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की आवाज रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र से भी आगे सुनी जाती है। यही कारण है कि मैं आज बेंगलुरु और नई दिल्ली में बातचीत के लिए यात्रा कर रहा हूँ।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस सदी की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाता है और भारत और जर्मनी को स्वाभाविक साझेदार बताया।

--आईएएनएस

एएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment