भारत के टॉप 40 शहरों में क्विक कॉमर्स मार्केट में 2 से 3 प्लेयर्स का होगा अधिकार : रिपोर्ट

भारत के टॉप 40 शहरों में क्विक कॉमर्स मार्केट में 2 से 3 प्लेयर्स का होगा अधिकार : रिपोर्ट

भारत के टॉप 40 शहरों में क्विक कॉमर्स मार्केट में 2 से 3 प्लेयर्स का होगा अधिकार : रिपोर्ट

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IANS
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Like e-commerce, two to three players are likely to dominate India's quick commerce market: Report

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। दुनिया के अधिकतर बाजारों में ई-कॉमर्स सेगमेंट में दो या तीन प्लेयर्स अपना आधिपत्य बनाए हुए हैं। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, यही पैटर्न अब भारत में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेक्टर्स में देखने को मिल रहा है, जहां टॉप दो से तीन फर्म मार्केट के एक बड़े हिस्से पर अपना कंट्रोल बनाए रखे हुए हैं।

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भारत में क्विक कॉमर्स इकोसिस्टम इसी तरह के ट्रेंड को फॉलो करता नजर आ रहा है, जहां बड़े प्लेयर्स अपनी तेज वृद्दि, टेक्नोलॉजिकल एडवांस्मेंट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी के दम पर अधिक से अधिक मार्केट हिस्सेदारी पर कब्जा कर रहे हैं।

बर्नस्टीन रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के टॉप शहरों में क्विक कॉमर्स लीड करते नजर आएंगे वहीं, मॉडर्न ट्रेड रिटेल सुपरमार्केट्स अगले 400 शहरों में अपना अधिकार बनाए रखेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप 40 शहरों में क्विक कॉमर्स लीडर होंगे, अगले 400 शहरों में मॉडर्न ट्रेड का कब्जा होगा वहीं, आखिरी 4000 शहरों में जनरल ट्रेड का आधिपत्य होगा।

ठीक इसी समय पर किराना और पॉप शॉप जैसे जनरल ट्रेड छोट शहरों, कस्बों और गांवों में लीडर बने रहेंगे।

शहरी स्तर पर तेजी से विकसित हो रहे डायनैमिक्स के साथ भारत की इंटरनेट इकोनॉमी तेज वृद्धि के एक नए फ्रेश फेज में एंट्री ले रही है।

रिपोर्ट का अनुमान है कि जनरल ट्रेड क्विक कॉमर्स, ई कॉमर्स से पिछड़ जाएंगे।

भारत के टॉप अर्बन मार्केट्स में क्विक कॉमर्स जल्द से जल्द डिलीवरी, सुविधा और एफिशिएंट लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के दम पर रिटेल चैनल को लीड करेंगे।

हालांकि, प्रोडक्ट कैटालॉगिंग और लागत प्रतिस्पर्धा जैसे एरिया को लेकर एमटी और ईसी भी अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाए रखेंगे।

एमटी रिटेलर्स खास कर सेमी-अर्बन एरिया में मार्जिन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वहीं, क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लागत कटौती के लिए वेयरहाउस नेटवर्स और लॉजिस्टिक्स ऑप्टिमाइजेशन में महत्वपूर्ण निवेश बढ़ा रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के टॉप 40 शहर 20 करोड़ लोगों के घर होने और 1700 पिन कोड के साथ डिजिटल इकोनॉमी का केंद्र बने हुए हैं। साथ ही, ये शहर देश के बदलते रिटेल परिदृश्य में ग्रोथ और कंज्प्शन को लेकर भी मुख्य केंद्र बने हुए हैं।

--आईएएनएस

एसकेटी/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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