लार्ज लैंग्वेज मॉडल से बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर नौकरियों को खतरा: श्रीधर वेम्बू

लार्ज लैंग्वेज मॉडल से बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर नौकरियों को खतरा: श्रीधर वेम्बू

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IANS
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Indian tech industry leaders fast adopting GenAI, albeit with caution

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)। सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने कहा कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (एलएलएम) से भविष्य में बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर नौकरियों को नुकसान हो सकता है।

जोहो के सह-संस्थापक के मुताबिक, एलएलएम के बढ़ने से एआई को उद्योग तेजी से अपनाएंगे।

वेम्बू का बयान ऐसे समय पर आया है, जब कई बड़ी संस्थाएं एआई से नौकरियों के जाने की चिंता व्यक्त कर चुके हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए वेम्बू ने कहा, मैंने अकसर अपने कर्मचारियों से यह कहा है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को मैकेनिकल इंजीनियरों या सिविल इंजीनियरों या केमिस्टों या स्कूल शिक्षकों की तुलना में बेहतर वेतन मिलता है, लेकिन यह कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है और हम यह नहीं मान सकते कि यह हमेशा के लिए रहेगा।

उन्होंने कहा कि फैक्ट यह है कि ग्राहक हमारे उत्पादों के लिए भुगतान करते हैं। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमें क्षेत्र को भी डिसरप्ट किया जा सकता है और आगे कहा कि जितना अधिक हम मान लेंगे कि हम नहीं होंगे, उतनी ही अधिक संभावना होगी कि हम होंगे।

बीते महीने यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी) ने कहा कि एआई से पूरी दुनिया की करीब 40 प्रतिशत तक नौकरियों पर असर हो सकता है।

वेम्बू ने कहा, मैं सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (एलएलएम + टूलींग) में आने वाली उत्पादकता क्रांति को देख पा रहा हूं जो बहुत सारी सॉफ्टवेयर नौकरियों को नष्ट कर सकती है। यह गंभीर है लेकिन इसे आत्मसात करना आवश्यक है।

इस महीने की शुरुआत में जोहो ने अपनी महत्वाकांक्षी 700 मिलियन डॉलर की सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट को रोक दिया था और इस दौरान कंपनी के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने कहा कि वे आगे बढ़ने के लिए मौजूदा टेक्नोलॉजी को लेकर आश्वस्त नहीं थे।

वेम्बू ने कहा कि चिप फैब्रिकेशन एक अधिक पूंजीगत लागत वाला बिजनेस है और इसके लिए मजबूत सरकारी समर्थन की आवश्यकता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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